जेटली का राहुल पर पलटवार, 72,000 रुपए देने की घोषणा को बताया ‘झांसा’
Monday, Mar 25, 2019 - 07:55 PM (IST)
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सत्ता में आने पर पांच करोड़ गरीब परिवारों को हर साल 72,000 रुपये देने के वादे को लोगों को झांसा देने वाली घोषणा बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो वादा कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से उससे ज्यादा गरीबों को दे रहे हैं। राहुल गांधी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद देश के सबसे अधिक गरीब 5 करोड़ गरीब परिवार को न्यूनतम आय गारंटी के तहत सालाना 72,000 रुपये देगी।
Is Prime Minister Narendra Modi Already Giving to Poor Much More Than What the Congress Promises? https://t.co/Oul9E45C3c
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) March 25, 2019
जेटली ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘सामान्य गणित पर कांग्रेस पार्टी की घोषणा को आंका जाए तो 72,000 रुपये मोदी सरकार में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिये गरीबों को विभिन्न सब्सिडी मद में दिए जा रहे औसतन सालान 1.068 लाख रुपये से कहीं कम है। अत: कांग्रेस पार्टी जो भी वादा कर रही है, वह सिर्फ झांसा देने वाली घोषणा है।’’
No political party has betrayed India for more than seven decades other than the Congress Party. It gave people of India slogans & very little resources to implement them. However, PM @narendramodi ji has already given the poor what Congress promises.
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) March 25, 2019
भाजपा नेता ने कहा कि पिछले पांच साल में प्रधानमंत्री ने बैंकों के जरिये सीधे गरीब परिवारों के खातों में सब्सिडी की राशि डालने के लिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना शुरू की। खाद्य, उर्वरक, केरोसिन के अलावा 55 मंत्रालय डीबीटी के जरिये गरीबों को सब्सिडी दे रहे हैं।
The latest announcement of the Congress Party if tested on simple arithmetic then ₹72,000 is less than 2/3rd of the existing DBT under Modi government, which averages ₹1.068 lakh annually. So what is being claimed by the Congress Party - A bluff announcement.
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) March 25, 2019
वित्त मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘आज ज्यादातर औद्योगिक कर्मचारियों को 12,000 रुपये मासिक से अधिक मिल रहा है। सातवें वेतन आयोग के बाद सरकारी नौकरी में शुरुआती वेतन 18,000 रुपये मासिक है। भूमिहीन किसानों को मनरेगा के तहत भुगतान किया जा रहा है। श्रमिकों का न्यूनतम वेतन करीब 42 प्रतिशत बढ़ाया गया है।’’
जेटली ने ट्विटर पर लिखा कि नेहरू मॉडल से आर्थिक वृद्धि धीमी हुई। इंदिरा गांधी ने 1971 में गरीबी हटाओ का नारा दिया। इससे गरीबी घटने के बजाय बढ़ी। उन्होंने लिखा, ‘‘देश में विरासत में मिली गरीबी कांग्रेस पार्टी के अक्षम शासन को प्रतिबिंबित करती है।’’
Nehruvian model stagnated growth. Indira Gandhi gave legendary slogan of ‘Garibi Hatao’ in 1971 & just redistributed poverty. The legacy of poverty in India reflects inefficient governance & economic model of the Congress Party.
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) March 25, 2019