जयसिंह को शर्म आनी चाहिए, हम सोनिया की तरह ‘बड़े दिल'' वाले नहीं : निर्भया के पिता

Saturday, Jan 18, 2020 - 05:59 PM (IST)

नई दिल्ली: निर्भया के पिता ने शनिवार को कहा कि वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह को इस सुझाव के लिए शर्म आनी चाहिए कि उनकी बेटी से सामूहिक बलात्कार मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को माफ कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके परिवार का इतना ‘बड़ा दिल' नहीं है जितना कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का है। उन्होंने जयसिंह से माफी मांगने के लिए भी कहा जो फांसी की सजा के खिलाफ अपने रुख के लिए जानी जाती हैं। 


जयसिंह ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा कि वह निर्भया की मां के दर्द से पूरी तरह अवगत हैं लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें ‘सोनिया गांधी के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए जिन्होंने नलिनी को माफ कर दिया था और कहा था कि वह उसके लिए मौत की सजा नहीं चाहतीं।'उन्होंने कहा,‘हम आपके साथ हैं लेकिन मौत की सजा के खिलाफ हैं।' लिनी श्रीहरन को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। गांधी की पत्नी सोनिया गांधी के हस्तक्षेप से उसकी मौत की सजा को आजीवन कारावास की सजा में तब्दील कर दिया गया। नलिनी ने इस आधार पर दया दिखाने की अपील की थी कि उसकी एक बच्ची है जिसका जन्म जेल में हुआ है। 


निर्भया के पिता ने कहा कि यह ‘गलत संदेश है।' उन्होंने कहा, ‘वह (इंदिरा जयसिंह) खुद औरत हैं। उन्हें अपने बयानों के लिए शर्मिंदा होना चाहिए और निर्भया की मां से माफी मांगनी चाहिए।' उन्होंने कहा, ‘हम सात वर्षों से इस मामले को लड़ रहे हैं। हम आम आदमी हैं न कि नेता। हमारा दिल सोनिया गांधी जी जितना बड़ा नहीं है।' उन्होंने कहा, ‘इस तरह की मानसिकता ही बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के लिए जिम्मेदार है।' निर्भया के पिता ने कहा कि उनकी पत्नी के भी इसी तरह के विचार हैं। उन्होंने कहा कि अदालत में उन्होंने जयसिंह को देखा था लेकिन कभी उनसे बात नहीं की। 


उन्होंने पूछा,‘उन्हें क्यों कुछ कहा और अपमान का सामना किया जबकि मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।'दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में शुक्रवार को फिर से एक फरवरी के लिए चारों दोषियों - विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31), और पवन (25) का मृत्यु वारंट जारी किया। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी।  

shukdev

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