ट्रंप के टैरिफ वॉर पर मास्टरस्ट्रोक: रूस ने दोस्त के लिए खोल दिए सारे द्वार, भारत ने भी रूसी कंपनियों के लिए किया बड़ा ऐलान
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 06:12 PM (IST)

International Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस की मजबूत दोस्ती को तोड़ने की बहुत कोशिश की लेकिन भारत ने साबित कर दिया कि वो देशहित के लिए किसी के समक्ष नहीं झुकेगा। ट्रंप ने भारत पर 50% तक का टैरिफ लगाकर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत झुका नहीं। उलटे, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मौके को एक कूटनीतिक मास्टरस्ट्रोक में बदलते हुए रूस को भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत करने का न्योता दे डाला।
रूसी कंपनियों को भारत में निवेश का न्योता
जयशंकर ने कहा कि भारत की 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक जीडीपी और 7% की तेज़ वृद्धि दर रूसी निवेशकों के लिए शानदार अवसर है। उन्होंने रूस की कंपनियों से कहा कि भारत में उर्वरक, रसायन, मशीनरी और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। भारत का आधुनिकीकरण और शहरीकरण नई मांग पैदा कर रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलें विदेशी कारोबारियों के लिए नए दरवाज़े खोल रही हैं। यह रूसी कंपनियों के लिए भारतीय साझेदारों के साथ जुड़ने का सुनहरा समय है।”
भारत-रूस की ‘यारी’ और व्यापार की चुनौती
विदेश मंत्री ने भारत-रूस संबंधों को दुनिया के सबसे स्थिर रिश्तों में से एक बताया। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दोनों देशों का व्यापार अभी भी सीमित और असंतुलित है। जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में कारोबार तो बढ़ा है, लेकिन व्यापार घाटा भी बढ़ा है इसलिए अब जरूरी है कि दोनों देश व्यापार को विविध और संतुलित करें ताकि आर्थिक साझेदारी रिश्तों की मजबूती के बराबर हो सके।
मुश्किल वक्त में रूस का समर्थन
इस बीच, दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए रूसी दूतावास के प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने साफ कहा कि अगर भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में दिक्कतें आती हैं तो रूस भारतीय निर्यात का स्वागत करेगा। उन्होंने अमेरिका और पश्चिमी देशों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ये ताकतें “नव-उपनिवेशवादी सोच” से काम करती हैं और सिर्फ अपने फायदे को देखती हैं।“भारत के खिलाफ टैरिफ और दबाव अनुचित और एकतरफा हैं। रूस सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत सबसे बड़ा उपभोक्ता। एकतरफा फैसले सप्लाई चेन और एनर्जी सिक्योरिटी दोनों के लिए खतरनाक हैं।”
भारत का संदेश साफ़
भारत सरकार पहले ही ट्रंप के टैरिफ को “अनुचित और गलत” करार दे चुकी है। इतना ही नहीं, इसी विवाद के कारण 25 अगस्त को होने वाली भारत-अमेरिका ट्रेड डील रद्द हो गई।अब भारत ने यह संदेश दे दिया है कि वह न सिर्फ अमेरिकी दबाव का मुकाबला करेगा, बल्कि रूस जैसे पुराने रणनीतिक साझेदारों के साथ मिलकर नई आर्थिक दिशा भी तय करेगा।