कुलभूषण जाधव की मां ने पाकिस्तान की कुटिल योजना पर इस तरह फेरा पानी

Thursday, Dec 28, 2017 - 10:34 AM (IST)

नई दिल्ली: 22 महीने से पाकिस्तान की कैद में बंद अपने कुलभूषण जाधव से मिलने जब मां भारत से इस्लामाबाद जा रही थी तो उनके मन में जज्बातों का एक उबाल-सा उमड़ रहा था। बेटे मां को देखकर कैसा महसूस करेगा, यही सोच रही थी मां। उधर पाकिस्तान इस मुलाकात को हथियार बनाना चाहता था, भारत के खिलाफ सबूत तैयार करने की फिराक में था लेकिन एक मां ने खुद को इतना मजबूत किया कि पड़ोसी देश के सारे मंसूबों पर पानी फिर गया। दरअसल जब जाधव से मां और पत्नी मिले तो वो उनका व्यवहार कुछ बदला-सा था। मां-बेटे की मुलाकात के दौरान जब जाधव पाकिस्तान की तरफ से दाखिल की गई चार्जशीट के बारे में बता रहे थे तो कुलभूषण की मां अवंति जाधव ने बेटे को बीच में टोकते हुए कहा, 'तुम क्यों ऐसा कह रहे हो? तुम तो ईरान में बिजनस कर रहे थे, उस समय तुम्हें वहां से अगवा किया गया था और तुम्हें सारी सच्चाई बतानी चाहिए थी। यह मुलाकात इस्लामाबाद स्थित विदेश मंत्रालय में संपन्न हुई थी।

अपनी पत्नी और मां से मुलाकात के दौरान जाधव सहज नहीं थे, वो उस तरीके खुश नहीं हुए जैसे कि इतने महीनों बाद देखकर अपनों को देखकर कोई होता है। मां अवंति को अपने बेटे का व्यवहार अटपटा लगा तो उन्होंने कड़ी आवाज में बेटे को टोका कि वह झूठ क्यों बोल रहा है। सच्चाई क्यों नहीं बताता कि ईरान में वह अपना कारोबार कर रहा था और उसका अपहरण किया गया। पाकिस्तान ने इन मुलाकात से पहले कई इंतजाम किए हुए थे। दरअसल पाकिस्तान इस पूरी मुलाकात को रिकॉर्ड कर यह साबित करना चाहता था कि जाधव सही में भारतीय जासूस है। जाधव भी हवा में ही बातें कर रहा था ऐसे लग रहा था कि वह पाकिस्तान की दी हुई स्क्रिप्ट पढ़ रहा था। वैसे भी जाधव अंग्रेजी में ही बात कर रहा था तो पाकिस्तान को था कि एक मां भी अपने बेटे के कबूलनामों के दौरान हां में हां बोलेगी लेकिन उनका दाव उलटा पड़ गया और अवंति जाधव ने बीच में ही अपने बेटे को टोकते हुए सच बोलने की नसीहत दी।

70 वर्षीय अवंति ने बेटे को देखकर कर न केवल अपने जज्बातों पर संयम रखा बल्कि जाधव को भी गलत बयान देने से टोका। इतना ही नहीं उन्होंने उस समय भी अपने सब्र को कायम रखा जब पाकिस्तान मीडिया जाधव को हत्यारा बुला रही थी लेकिन उन्होंने कई प्रतिक्रिया नहीं दी और तीखे सवालों पर चुप्प रही क्योंकि वे पाकिस्तान की चाल को समझती थी, अगर वे वहां कुछ भी बोलती तो पाकिस्तान इसका मुद्दा बनाता। एक भारतीय मां ने अपनी सामाओं का उल्लघंन नहीं किया लेकिन पाकिस्तान ने कुटिल चाल चल कर साबित कर दिया कि उसने भारतीय संस्‍कृति और धार्मिक भावनाओं का ख्‍याल नहीं किया।

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