आतंकियों के सफाए मात्र से कश्मीर की समस्या का हल नहींः महबूबा मुफ्ती

Saturday, Dec 16, 2017 - 10:33 PM (IST)

पणजीः जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि राजनीतिक प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए राज्य को ‘‘मरहम रखने’’ की नीति की जरूरत है।  महबूबा ने कहा कि आतंकियों के सफाए मात्र से राज्य की समस्याएं सुलझ नहीं जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद, लड़ाई और कार्रवाई पर जारी वर्तमान विमर्श में बदलाव की मांग की। 

उन्होंने कहा, ‘‘ सेना और अन्य सुरक्षा बलों के र्किमयों को ऐसा लगता है कि उन्होंने अपना काम बहुत हद तक पूरा किया है। अब राजनीतिक प्रक्रिया को अमल में लाने के लिए सहानुभूतिपूर्ण नीति की आवश्यकता है। इंडिया फाउंडेशन की पहल ‘इंडिया आइडियाज कॉनक्लेव 2017’ के एक संवाद सत्र के दौरान कल शाम महबूबा ने कहा, ‘‘ उन्होंने (सुरक्षा बलों) एक सहायक माहौल तैयार किया। 

पुलिस और सुरक्षा बलों के बीच यह आम भावना है कि वह अपना काम कर रहे हैं, लेकिन वह अकेले ऐसा नहीं कर सकते।’’ महबूबा घाटी में अलगाववादी तत्वों को लेकर नरम रवैया अपनाने की संभावना पर आधारित एक सवाल का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें मरहम रखने की नीति की जरूरत है, इसका मतलब नरम रवैया अपनाने से नहीं है। यदि कल को अदालत मसर्रत आलम (कट्टरपंथी अलगाववादी नेता) को छोडऩे को कहती है तो लोकतंत्र में हम क्या कर सकते हैं? 

अगर वह (आलम) उच्चतम न्यायालय चला जाता है और शीर्ष न्यायालय कहता है कि अभी उसके खिलाफ कुछ भी नहीं है और आप उसे कैद करके नहीं रख सकते तो आप क्या करेंगे?’’  उन्होंने कहा,‘‘ क्या आप इससे इनकार कर देंगे? आप ऐसा नहीं कर सकते। आपके यहां ये संस्थान हैं, हम एक व्यक्ति की वजह से इन संस्थानों के महत्व को कम नहीं कर सकते क्योंकि एक व्यक्ति तबाही नहीं ला सकता।’’ उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आतंकियों का सफाया कर देने से समस्या पूरी तरह नहीं सुलझेगी।   

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