जम्मू-कश्मीरः भद्रवाह में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लैवेंडर महोत्सव का किया उद्घाटन
punjabkesari.in Monday, Jun 05, 2023 - 02:26 PM (IST)
नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को दो दिवसीय लैवेंडर उत्सव का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व का क्षण है कि भद्रवाह भारत की लैवेंडर राजधानी और कृषि स्टार्टअप गंतव्य के रूप में उभरा है। श्री सिंह ने आज यहां CSIR - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन, जम्मू ने अपने ‘वन वीक वन लैब कैंपेन’ के तहत आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे । उन्होंने भद्रवाह को भारत की बैंगनी क्रांति का जन्मस्थान और कृषि-स्टार्टअप का गंतव्य बताया।
उन्होंने ने कहा कि भद्रवाह की घाटी केंद्र में वर्तमान प्रगतिशील सरकार के विकास का सबसे अच्छा उदाहरण है। भद्रवाह भूमि और जलवायु के मामले में लैवेंडर की खेती के लिए सबसे अच्छी जगह है। उन्होंने कहा कि लैवेंडर रोजगार सृजन और विकास के कई प्रतिमान खोलने वाले अनुसंधान का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि लैवेंडर की खेती ने कई किसानों के जीवन को बदल दिया है और यह खुशी की बात है कि भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 99वें संस्करण में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- भारतीय संस्थान के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा, “किसान दशकों से मक्का की पारंपरिक खेती में लगे हुए थे, लेकिन कुछ किसानों ने कुछ अलग करने की सोची। उन्होंने फ्लोरिकल्चर यानी फूलों की खेती की ओर रुख किया। आज यहां करीब अढ़ाई हजार किसान लैवेंडर की खेती कर रहे हैं। इस नई खेती से किसानों की आमदनी में काफी इजाफा हुआ है।”
उन्होंने कहा कि CSIR-अरोमा मिशन CSIR की एक प्रमुख परियोजना है जिसके तहत जम्मू-कश्मीर के समशीतोष्ण क्षेत्रों में लैवेंडर की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। परियोजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि करना और कृषि आधारित स्टार्टअप विकसित करना है।
CSIR-अरोमा मिशन के तहत, CSIR-IIIM ने लैवेंडर पेश किया और जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों के किसानों को 30 लाख से अधिक मुफ्त लैवेंडर पौधे प्रदान किए। किसानों को लैवेंडर फसल की खेती, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन के लिए एंड-टू-एंड प्रौद्योगिकी पैकेज भी प्रदान किया गया। CSIR-IIIM ने किसानों को उनकी उपज के प्रसंस्करण में सहायता करने के लिए जम्मू-कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर पचास आसवन इकाइयां (45 निश्चित और पांच मोबाइल) स्थापित कीं।
उन्होंने कहा कि जम्मू संभाग के समशीतोष्ण क्षेत्रों में कई छोटे और सीमांत मक्का किसानों ने लैवेंडर को सफलतापूर्वक अपनाया है। लैवेंडर की खेती ने जम्मू-कश्मीर के भौगोलिक दृष्टि से दूरस्थ क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किसानों और युवा उद्यमियों को रोजगार दिया है।