‘निर्भया’ की मां ने कहा, नाबालिग को छोड़ना आज भी खलता है

Sunday, Dec 17, 2017 - 11:03 AM (IST)

नेशनल डैस्कः पांच साल बीत गए लेकिन आज भी ‘निर्भया’ तड़प रही है, सड़कों पर उसकी आबरू लूटी जा रही है। लोग पहले भी मूकदर्शक थे और आज भी हैं। पुलिस पहले भी लापरवाह थी और आज भी लापरवाह है, नहीं बदला है कुछ यह कहना है निर्भया की मां आशा देवी का। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि मुझे बहुत दुख होता है, जब दिल्ली की सड़कों पर रेप होता है। महिलाओं की सरेआम हत्या होती है। मुझे लगा था कि इन पांच सालों में बहुत कुछ बदल जाएगा। लेकिन अबतक कुछ भी नहीं बदला। कागजी बातें अधिक होती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।

आज भी हर दिन खबरें पढ़ती हूं और देखती हूं कि बेटियां ऐसे हैवानों का लगातार शिकार हो रही हैं। न दिल्ली में न ही देश में कोई बदलाव आया है। आज निर्भया कांड को ठीक पांच साल हो गए हैं, लेकिन एक मां के दर्द से साफ है कि केवल साल और तारिखें बदली है, लेकिन हालात नहीं बदले हैं। आज भी सड़कों पर रेप और महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं। इसी पर निर्भया की मां से बातचीत और उस दिन क्या हुआ और क्या घटा इसी पर विशेष रिपोर्ट कृष्ण कुणाल सिंह की।

नाबालिग को छोड़ना खलता है
आशा देवी ने बताया कि निर्भया मामले में नाबालिग को छोड़ना आज भी उन्हें खलता है। वह भी उतना ही दोषी था। जितना की बाकी आरोपी। नाबालिग होने का उसे लाभ नहीं मिलना चाहिए था। बताया जा रहा है कि अभी वह साऊथ इंडिया के किसी रेस्टोरेंट में काम कर रहा है। लेकिन उसकी क्या मानसिकता बदली होगी। उसने जो आरोपियों का साथ दिया और निर्भया से दरिंदगी की थी। आज भी हम सुनते हैं कि नाबालिग बलात्कार, चोरी, झपटमारी, हत्या आदि में शामिल रहते हैं। निर्भया के जाने के बाद जिस तरह से नाबालिग को लेकर कानून में परिवर्तन किया गया था। उससे भी कोई फायदा होता नहीं दिखाई दे रहा है। नाबालिग कोर्ट में हजारों मामले आज भी चल रहे हैं। नाबालिगों को पता है कि उनको कितनी और कैसी सजा हो सकती है।

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