यह खास ट्रिक बनी थी कारगिल युद्ध में भारत की जीत की वजह, जवानों को कराहने तक की नहीं थी इजाजत
Thursday, Jul 25, 2019 - 11:04 AM (IST)
नेशनल डेस्कः कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत का वो महत्वपूर्ण और खास दिन है जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ाए थे और दुश्मनों को अपनी धरती से खदेड़कर भगाया था। कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला था और 26 जुलाई को खत्म हुआ। इस युद्ध में भारतीय सेना जो अदम्य साहस और वीरता दिखाई थी वो अविस्मरणीय है। ऊंचाई पर बैठे दुश्मन तक पहुंचना आसान नहीं था लेकिन भारतीय सेना ने फतह पाने के लिए एक खास 'ट्रिक' अपनाकर इसे मुमकिन बनाया और दुश्मन का खात्मा करके ही सांस ली।
भारतीय सेना की खास ट्रिक
भारतीय सेना ने युद्ध में जो खास ट्रिक अपनाई वो थी साइलेंट मूवमेंट। परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार के मुताबिक भारतीय सेना ने युद्ध में एक खास रणनीति ‘साइलेंट मूवमेंट’ का इस्तेमाल किया। जवानों व अफसरों को युद्धक्षेत्र में जाने से पहले बाकायदा साइंलेंट ड्रिल भी करवाई गई थी। साइलेंट मूवमेंट में जवानों व अफसरों को गोली लगने के बाद घायल होने पर कराहने तक की इजाजत नहीं थी। यहां सिर्फ जवानों में आंखों की भाषा पर काम हो रहा था यानि कि जवान आंख के एक इशारे को समझ कर आगे बढ़ रहे थे और दुश्मन के बंकरों को ढूंढ कर उन पर हमला कर रहे थे।
साइलेंट मूवमेंट ट्रिक इसलिए अपनाई गई ताकि दुश्मन को उनके आने तक की भनक न लगे और उनको फायरिंग करने का भी मौका न मिले। एलओसी की ऊंची पहाड़ियों पर भारतीय जमीन पर कब्जा करके बैठा था और भारतीय सेना को ऑर्डर था कि अपनी जमीन वापिस हासिल करनी है। ऐसे में दुश्मनों को ऊपर बैठे जवानों की हर मूवमेंट दिख रही थी लेकिन भारतीय सेना को चोटियों पर छिपे न तो पाकिस्तानी दिख रहे थे और न ही उनके बंकर। ऐसे में साइलेंट मूवमेंट ट्रिक काफी काम आई। भारतीय जवानों ने अनुकूल परिस्थितियों में भी अपना जोश, जुनून और जज्बा बरकरार रखा और कारगिल को फतह किया।