आईटी क्षेत्र में कोई गिरावट नहीं, अच्छी खासी संख्या में आने वाली हैं नौकरियां: प्रसाद

Sunday, Jun 04, 2017 - 10:28 PM (IST)

कोच्चि: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भारतीय आईटी क्षेत्र में गिरावट की खबरों को पूरी तरह से गलत बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में अच्छी खासी संख्या में लोगों को नौकरियां मिलेंगी। मंत्री ने दावा किया कि कामकाज के आधार पर इस क्षेत्र में मात्र 100 - 200 लोगों की छंटनी हुई है। उन्होंने बताया कि टीसीएस और इंफोसिस जैसी कंपनियों ने कहा है कि वे मौजूदा वित्तीय वर्ष में हजारों आईटी विशेषज्ञों की भर्ती करेंगे। 

भारतीय कंपनियों का विदेशों में निर्यात 7. 4 लाख करोड़ रुपए का
मंत्री का बयान मीडिया में इन खबरों के मद्देनजर आया है, जिनमें कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों के चलते भारत में आईटी कंपनियां उद्योग की सबसे बड़ी छंटनी अभियान के दौर में है। प्रसाद ने कहा, ‘‘आईटी क्षेत्र में गिरावट आने के बारे में कई चीजें कही जा रही हैं। यह पूरी तरह से गलत है। मैं इससे इनकार करना चाहता हूं। भारतीय कंपनियों का बाहर के देशों में निर्यात 7. 4 लाख करोड़ रुपए का है। एसटीपीआई (सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया) उद्यमियों को 3. 5 लाख करोड़ रुपए का निर्यात (सेवाओं का) करने में मदद कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी नीत सरकार के तहत पिछले तीन साल में छह लाख नियुक्तियां हुई हैं।

2017 - 18 में 20,000 नए ग्रेजुएट को करेंगे नियुक्त
मंत्री ने कहा, ‘‘मैंने टाटा संस के अध्यक्ष चंद्रशेखरन से पूछा...उन्होंने बताया कि अकेले टीसीएस ने ही पिछले तीन साल में 2. 5 लाख आईटी विशेषज्ञों की नियुक्ति की है। और वे लोग 2017 - 18 में 20,000 नए स्नातकों को नियुक्त करने जा रहे हैं।’’  प्रसाद ने कहा कि उन्होंने हाल ही में इंफोसिस के सीआेआे प्रवीण राव से भी मुलाकात की और उन्होंने भी नौकरियों में भारी कटौती की मीडिया में आ रही खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि राव ने बताया कि पिछले साल इंफोसिस ने 20,000 लोगों की नियुक्ति की है और इस साल वे 20,000 और लोगों को नियुक्त करने जा रहे हैं। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग आज नौ लाख करोड़ रुपए का है, जिसमें करीब 40 लाख लोग सीधे तौर पर जबकि 1. 4 करोड़ लोग परोक्ष रुप से रोजगार पाए हुए हैं। 

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