चंद्रयान-2 के बाद कार्टोसैट-3 की तैयारी में ISRO, दुश्मन के हाथ की घड़ी तक पर होगी नजर

Tuesday, Aug 27, 2019 - 10:05 AM (IST)

नई दिल्ली: चंद्रयान-2 की सफलता के बाद अब इसरो एक और बड़े मिशन में जुट गया है। भारत अब अक्तूबर के अंत में या नवम्बर की शुरूआत में अपने उन्नत कार्टोग्राफी उपग्रह कार्टोसैट-3 का प्रक्षेपण करेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के . सिवन ने ऐलान किया कि अगला प्रक्षेपण कार्टोग्राफी उपग्रह कार्टोसैट-3 का होगा। यह प्रक्षेपण अक्तूबर के अंत में या नवम्बर की शुरूआत में होगा। पृथ्वी का निरीक्षण करने वाला या रिमोट सैंसिंग उपग्रह कार्टोसैट-3 एक उन्नत संस्करण है जो कार्टोसैट-2 सीरीज के उपग्रहों की तुलना में बेहतर आकाशीय और वर्णक्रमीय गुणों से लैस है। कार्टोसैट-3 में बेहतर तस्वीरों के साथ रणनीतिक एप्लीकेशंस भी होंगे। कार्टोसैट-3 को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पी.एस.एल.वी.) रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा।

जमीन पर एक फुट से भी कम ऊंचाई की ले सकेगा तस्वीर
इस सैटेलाइट का मुख्य मकसद तो अंतरिक्ष से भारत की जमीन पर नजर रखना, आपदाओं में और ढांचागत विकास के लिए मदद करना होगा, लेकिन इसका उपयोग देश की सीमाओं की निगरानी के लिए भी होगा। पाकिस्तान और उसके आतंकी कैंपों पर नजर रखने के लिए यह मिशन देश की सबसे ताकतवर आंख होगी। दुश्मन या आतंकियों ने हिमाकत की तो इस आंख की मदद से हमारी सेना उन्हें उनके घर में घुस कर मारेगी।

इस सैटेलाइट का नाम है-कार्टोसैट-3। यह कार्टोसैट सीरीज का 9वां सैटेलाइट होगा। कार्टोसैट-3 का कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 1 फुट से भी कम 9.84 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीर ले सकेगा। इस सैटेलाइट की नजर इतनी पैनी होगी कि यह आपकी कलाई पर बंधी घड़ी पर दिख रहे सही समय की भी सटीक जानकारी देगा।

Seema Sharma

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