चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण रूकने के बाद दर्शक हुए निराश, देश भर से पहुंचे थे लोग

Monday, Jul 15, 2019 - 04:25 PM (IST)

श्रीहरिकोटा: भारत ने सोमवार तड़के होने वाले चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को तकनीकी खामी की वजह से टाल दिया जिसके बाद यहां यह प्रक्षेपण देखने आए लोगों को निराशा हाथ लगी। सोमवार तड़के दो बजकर 51 मिनट पर होने वाले प्रक्षेपण की उल्टी गिनती 56 मिनट 24 सेकंड पहले मिशन नियंत्रण कक्ष से घोषणा के बाद रात एक बजकर 55 मिनट पर रोक दी गई। कई मिनट तक लोगों में उहापोह की स्थिति रही। इसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इसकी पुष्टि की कि जीएसएलवीएमके जीएसएलवी मार्क-।।।-एम-1 की प्रक्षेपण प्रणाली में तकनीकी खामी देखे जाने के बाद इसे रद्द किया गया।

 देश का यह ऐतिहासिक क्षण देखने यहां लोग दूर-दूर से पहुंचे थे। सभी इसरो की हाल ही में बनी दर्शक दीर्घा से सांसें थामे प्रक्षेपण का इंतजार कर रहे थे लेकिन जब घड़ी की सूई आगे नहीं बढ़ी और प्रक्षेपण टालने की घोषणा हुई तो उन्हें निराशा हाथ लगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी प्रक्षेपण स्थल पर मौजूद थे और सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी थी। लोगों को व्यवस्थित तरीके से ही दर्शक दीर्घा तक जाने की अनुमति थी। जैसे ही इस प्रक्षेपण रद्द करने की घोषणा हुई, लोग वहां से जाने लगे। वे जाने से पहले सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शनी के लिए लगे बड़े रॉकेट मॉडल के साथ तस्वीरें खिंचवा रहे थे। तिरंगा झंडा थामे एक लड़का अपने परिवार के साथ यहां इस ऐतिहासिक क्षण को देखने आया था।

उसने कहा कि वह मिशन रद्द होने से निराश है। उसने कहा, हमें नहीं पता कि क्या हुआ? लेकिन हम निराश हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि जो कुछ भी है, वह ठीक होगा और हम दोबारा इस प्रक्षेपण को देखने आएंगे। एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि यह अच्छा हुआ कि रॉकेट के जमीन पर रहते ही वैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया अगर अंतरिक्ष में जाकर ऐसा होता तो ढेर सारा धन बर्बाद होता। इस मिशन का उद्देशय चंद्रयान-2' को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतारना है जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है। इस अभियान से चांद के बारे में समझ बढ़ाने में मदद मिलेगी और नयी खोज होगी जिसका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा। 

Anil dev

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