इसराईल भारत से कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार : रिवलिन

Monday, Nov 21, 2016 - 09:15 AM (IST)

चंडीगढ़ (पराशर): राष्ट्रपति प्रणब कुमार मुखर्जी ने इसराईल से भारत में दूसरी हरित क्रांति लाने में योगदान देने का आहवान किया है। उन्होंने कहा कि इसराईल विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जो पानी की हर एक बूंद से अधिक से अधिक कृषि उत्पादन कर सकता है। रविवार को चंडीगढ़ में सी.आई.आई.एग्रोटैक 2016 के 12वें सत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी खुशी है कि एग्रोटैक एक ऐसे स्थान पर हो रहा है,जो दुनियाभर में देश की हरित क्रांति के लिए प्रसिद्ध है। एक समय था जब भारत अनाज के मामले में दूसरों पर निर्भर था। एक मौका ऐसा भी आया जब देश की जनता को विदेशों से समुद्री जहाजों के जरिए आयात किए गए अनाज पर ही निर्भर होना पड़ा लेकिन अब स्थिति बदल गई है। 

 

वैश्विक मंदी के बावजूद भारत की विकास दर मजबूत रही है। कई सालों में यह 7.6 प्रतिशत के इर्द-गिर्द बनी हुई है। इसके अलावा केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत,डिजीटल भारत,मेक इन इंडिया जैसे नए प्रयासों व योजनाओं से विकास और बेहतर हो रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि इसराईल से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। यह एक ऐसा देश है जिसने साहस,दृढ़ विश्वास और धैर्य से विपरीत परिस्थितियों को अनुकूल हालात में बदल दिया है। मुखर्जी ने कहा कि वर्ष 1992 में भारत में कड़े फैसले लेने वाली टीम के वह भी सदस्य थे। उसी समय हमने इसराईल के साथ रक्षा उपकरणों के लिए सहभागिता करने का फैसला किया। 

 

मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि आज इसराईल रक्षा और कृषि मामले में भारत का सबसे बड़ा सहयोगी बन गया है। इसराईल के राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन ने अपने भाषण की शुरूआत हिंदी शब्द जुगाड़ से की। उन्होंने कहा कि भारत में अपने दौरे दौरान उन्होंने एक नया शब्द जुगाड़ सीखा है। जुगाड़ का अर्थ है चतुराई भरा समाधान। वास्तव में इसराईल का दूसरा नाम ही जुगाड़ है। इसराईल एक छोटा सा देश है जिसे विश्वभर में अलग-थलग किए जाने से बहुत कुछ झेलना पड़ा है,लेकिन अगर यह आज प्रफुल्लित है तो जुगाड़ के कारण ही है। इसराइल में हम अपने देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हैं लेकिन भारत ने हमें सिखाया है कि खाद्य सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है। 

 

राष्ट्रपति रिवलिन ने कहा 
इसराईली कंपनियां अपनी तकनीकें भारत ला रही हैं और यहां के किसानों को उन्नत खेती करने में पूर्ण सहायता प्रदान कर रही हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने करनाल का दौरा किया जहां भारतीय और इसराईली विशेषज्ञ मिलकर चेरी टमाटर की नई किस्में विकसित कर रहे हैं। अब दोनों देशों के विशेषज्ञों ने ट्रकों की छतों पर सोलर पैनल लगाने शुरू कर दिए हैं,ताकि सौर ऊर्जा से ट्रकों के अंदर फल-सब्जियां खराब न हों।


 

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