अनाज-फलों के लिए भारत पर निर्भर इस्लामिक देश

Saturday, Jun 11, 2022 - 08:28 PM (IST)

जालंधर, 9 जून (नैशनल डैस्क): नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को भले भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया है लेकिन जिस तरह से इस्लामिक देशों और मुस्लिम बहुल देशों से प्रतिक्रिया आई, उस पर बहस खत्म नहीं हुई। 57 इस्लामिक या मुस्लिम बहुल देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी ने भी इस मामले में भारत को आड़े हाथों लिया था। भारत सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है। जब पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर अरब देशों से आपत्ति आ रही थी, उसी वक़्त भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू कतर में थे। भारत को इस इस सारे प्रकरण में आलोचना का शिकार भी होना पड़ा, लेकिन इस बात से भी इनेकार नहीं किया जा सकता है कि फलों और अनाज के मामले में ये इस्लामिक देश भारत पर निर्भर हैं।

इस्लामिक देशों में हैं 76 लाख भारतीय
भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर दुष्प्रचार की कोशिश के बीच अरब देशों से कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। एक ओर इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) देशों की आर्थिक प्रगति के लिए करीब 76 लाख लाख भारतीय योगदान दे रहे हैं। वहीं अनाज-फलों के लिए भी ये देश काफी हद तक भारत पर ही निर्भर हैं। अरब-ब्राजील चैंबर ऑफ कॉमर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी में भारत 22 खाड़ी देशों को खाद्य पदार्थ निर्यात कराने में अव्वल रहा है। ब्राजील को अरब देशों में खाद्यान मुहैया कराने में 30 दिन लगते हैं, जबकि भारत अनाज, फल, सब्जी, चीनी व मांस जैसे खाद्य उत्पाद सिर्फ सात दिन में मुहैया कराता है।

भारत ने दिया है कतर को खाद्य सुरक्षा का भरोसा
भारत ने इस सप्ताह की शुरुआत में कतर को देश की खाद्य सुरक्षा को पूरा करने में अपनी सहायता का आश्वासन दिया था। बता दें कि, कतर पर आतंकवाद को वित्त पोषित करने का आरोप लगा था। इसके बाद उसके तीन पड़ोसियों , संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और बहरीन ने राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे। इसके बाद से कतर गंभीर खाद्य संकट से गुजरने लगा था। इधर, कतर की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान भारतीय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कतर सरकार को खाद्य सुरक्षा को पूरा करने में भारत का सहयोग का आश्वासन दिया। दोनों पक्षों ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर हाल के वैश्विक विकास के प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने ऊर्जा साझेदारी के लिए अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को नवीनीकृत किया।

गेहूं के लिए भी भारत पर निर्भर हैं इस्लामिक देश
यूक्रेन यु्द्ध के बाद, भारत ने परिस्थिति को देखते हुए मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका सबसे ज्यादा असर मध्य पूर्व के देशों, यूएई, कतर, ओमान और मलेशिया को हुआ। भारत मुख्य रूप से गेहूं का निर्यात अपने पड़ोसी देशों को करता है। 2020-21 में बांग्लादेश की इसमें सबसे अधिक हिस्सेदारी 54 प्रतिशत से अधिक थी। 2020-21 में, भारत ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों को गेंहूं का सप्लाई किया। वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में भारतीय गेहूं के लिए शीर्ष दस आयात करने वाले देश बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, यमन, अफगानिस्तान, कतर, इंडोनेशिया, ओमान और मलेशिया हैं।

इस्लामिक देशों के संगठन में 57 देश
मंत्रालय ने कहा कि शीर्ष दस देशों में 2016-17 में भारत के गेहूं के निर्यात में 94 प्रतिशत से अधिक का योगदान था, अब 2020-21 में निर्यात में मात्रा और मूल्य दोनों में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस्लामिक देशों के संगठन में 57 देश हैं। स्थापना 25 सितंबर 1969 को मोरक्को में हुई थी। तब नाम ऑर्गनाइजेशन ऑफ द इस्लामिक कॉन्फ्रेंस था। 28 जून 2011 को नाम ओआईसी पड़ा। ओआईसी के 56 देशों की आबादी 189 करोड़ है जिनकी विश्व की आबादी में 24.35 फीसद भागीदारी है।

भारतीय विदेश मंत्रालय-2020 के आंकड़े
 21 फीसदी कुल आयातित काजू 2020 में यूएई ने भारत से लिया
 24  फीसदी चाय ईरान ने भारत से ली, कीमत 19.81 करोड़ डॉलर
 15 फीसदी डेयरी उत्पाद यूएई ने , 6 सऊदी ने मंगाया
 76  लाख भारतीय खाड़ी देशों में काम कर रहे, 3.41 लाख यूएई में
 5.95 करोड़ का फल, जूस सऊदी को भारत ने मुहैया कराया

rajesh kumar

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