इशरत जहां केस में गृह मंत्रालय ने दिया था लश्कर का साथ : रिजिजू

Saturday, May 28, 2016 - 09:05 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने इशरत जहां मुठभेड़ मामले में अपने बयान से नया विवाद पैदा कर दिया है। उन्होंने पी चिदंबरम के नेतृत्व वाले तत्कालीन गृह मंत्रालय पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ चलने का आरोप लगाया।

उधर, कांग्रेस ने इस आरोप का पुरजोर विरोध करते हुए मंत्री को हटाए जाने की मांग की है। उनके बयान से बिफरे चिंदबरम ने कहा, हां, हमने लश्कर के साथ नाश्ता किया और उन्हें भी खाने पर बुलाया। उन्होंने मंत्री के बयान को गैरजिम्मेदाराना करार दिया। 

रिजिजू ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में इशरत जहां मामले से जुड़ी कई घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शुरुआत में लश्कर-ए-तैयबा ने दावा किया था कि वह शहीद है, लेकिन सीबीआई के एक खास अधिकारी को जांच का प्रभारी बनाए जाने के दिन संगठन ने अपना बयान बदल दिया।

केंद्रीय मंत्री ने हालांकि सीबीआई अधिकारी का नाम नहीं लिया, लेकिन आपको बता दें कि गुजरात के आईपीएस अधिकारी सतीश वर्मा ने इस मामले की जांच की थी।

रिजिजू ने कहा, इशरत जहां केस में एनकाउंटर के तुरंत बाद लश्कर ने उसे शहीद घोषित कर दिया था। लेकिन जब एक खास पुलिस अधिकारी को जांच के लिए नियुक्त किया गया तो आतंकी संगठन ने अपना बयान बदल लिया। उन्होंने कहा कि उनसे गलत बयान चला गया और इशरत उस संगठन में शामिल नहीं थी।

मालेगांव विस्फोट की जांच को लेकर भी रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2008 में विस्फोट की जांच के नाम पर कांग्रेस नाटक करने में लगी थी। उनका कहना था कि कांग्रेस जो कदम उठा रही थी उसके पीछे सांप्रदायिक विभाजन की रणनीति को बेहद सोचा-समझा माना जा रहा था। 
 
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