चेतावनी! क्या आपका ज्यादा स्क्रीन टाइम बन रहा है कैंसर का कारण? एक्सपर्ट ने बताई चौंकाने वाली वजह

punjabkesari.in Saturday, Aug 16, 2025 - 01:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आधुनिक जीवनशैली में जिस तरह का बदलाव आया है, वह युवाओं और किशोरों को एक गंभीर बीमारी की ओर धकेल रहा है: 'सरकोमा'। यह एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है जो हड्डियों, मांसपेशियों और नसों जैसे सॉफ्ट टिश्यूज से शुरू होता है। भले ही यह बाकी कैंसर की तरह आम न हो, लेकिन युवाओं में इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. विवेक वर्मा ने उन कारणों पर चिंता जताई है, जो युवाओं की इस जीवनशैली से जुड़े हैं।

ये 4 आदतें बढ़ा रही हैं कैंसर का खतरा:
डॉ. वर्मा के अनुसार, आज की निष्क्रिय जीवनशैली, जिसमें ये आदतें शामिल हैं, सरकोमा जैसे कैंसर का जोखिम बढ़ा सकती हैं:
लगातार स्क्रीन टाइम: घंटों तक लैपटॉप पर काम करना, टीवी देखना या मोबाइल पर लगे रहना शरीर को सुस्त बनाता है। इससे मोटापा और शरीर में सूजन जैसी समस्याएं बढ़ती हैं, जो अंततः कैंसर से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम कर देती हैं।

खराब खान-पान: प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा शक्कर और फैट वाली डाइट युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। इससे शरीर में ज़रूरी विटामिन और मिनरल की कमी हो जाती है, जिससे इम्यूनिटी कमज़ोर होती है और डीएनए को नुकसान हो सकता है।
लगातार तनाव: मानसिक तनाव से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन, जैसे कोर्टिसोल, का स्तर बढ़ता है। इससे इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है और कोशिकाओं के खुद को ठीक करने की क्षमता घट जाती है, जिससे ट्यूमर के बढ़ने का खतरा हो सकता है। फिजिकल एक्टिविटी की कमी: किशोरावस्था में जब शरीर का विकास तेजी से होता है, उस दौरान अगर कोई फिजिकल एक्टिविटी न हो तो मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम कमज़ोर हो सकता है। नियमित व्यायाम न होने से शरीर अपनी सेल्स की रक्षा करने में कमज़ोर पड़ता है।


कैंसर से बचने के लिए क्या करें?
डॉ. वर्मा ने युवाओं को अपनी सेहत सुधारने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
संतुलित आहार लें: फल, सब्जियाँ, और घर का बना खाना खाएं।
नियमित व्यायाम करें: रोज़ाना कम से कम 10 मिनट की शारीरिक गतिविधि ज़रूर करें।
स्क्रीन टाइम कम करें: केवल ज़रूरी होने पर ही स्क्रीन का उपयोग करें और डिजिटल डिटॉक्स की आदत डालें।
तनाव कम करें: सुबह की सैर या योग जैसी आदतें अपनाकर तनाव को दूर रखें।
डॉ. वर्मा का कहना है कि इन आदतों का सीधे सरकोमा से संबंध भले ही अभी पूरी तरह से साबित न हुआ हो, लेकिन ये शरीर के प्राकृतिक बचाव तंत्र को कमज़ोर करती हैं। आज उठाया गया एक छोटा कदम भविष्य में एक गंभीर बीमारी से बचाव का कारण बन सकता है।


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Content Editor

Mansa Devi

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