लव जेहाद केस पर SC ने पूछा- क्या कोई कानून है जो अपराधी से प्यार करने से रोके?

Monday, Oct 30, 2017 - 02:32 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने धर्म परिवर्तन करके एक मुसलमान से विवाह करने वाली केरल की महिला के पिता को बेटी को 27 नवंबर तक न्यायालय के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि वह उस दिन पूर्वाह्न तीन बजे खुली सुनवाई में महिला से बातचीत करेगी। वहीं मामले की जांच कर रही NIA ने कोर्ट को बताया कि केरल में कट्टरता और लव जिहाद मामलों के पीछे पूरी एक मशीनरी काम कर रही है।

इस पर कोर्ट ने NIA से पूछा कि क्या कोई ऐसा कानून है, जो किसी को अपराधी से मोहब्बत करने से रोके। कोर्ट ने कहा कि अगर लड़की बालिग है, तो ऐसे मामलों में उसकी सहमति सबसे ज्यादा अहमियत रखती है। उल्लेखनीय है कि पहली सुनावई में NIA ने कोर्ट से कहा था कि अखिला उर्फ हदिया को बहका कर शादी करने वाला अपराधी है और उसने लड़की को इस कदर बरगलाया कि लड़की सही निर्णय लेने की हालत में नहीं है।

यह है पूरा मामला
24 साल की होमियोपैथिक डॉक्टर अखिला ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाते हुए शफी जहां नाम के लड़के से शादी कर ली थी। अखिला के इस कदम से उसके परिवार वाले नाराज हो गए और युवती के पिता ने इस शादी के खिलाफ केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। केरल हाईकोर्ट ने अखिला की शादी को रद्द घोषित कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अखिला के पति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनावई में पूछा था कि कैसे कोई कोर्ट किसी की शादी को रद्द कर सकता है।

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