क्या मैच के बाद Handshake करना जरूरी है? क्या कहता है ICC का नियम

punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 02:28 PM (IST)

नेशनल डेस्कः एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार, 14 सितंबर को खेला गया हाई-वोल्टेज मुकाबला जितना रोमांचक रहा, उतना ही विवादित भी बन गया। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के विजयी छक्का लगाते ही भारत ने मुकाबला अपने नाम किया, लेकिन मैच खत्म होते ही एक नया विवाद खड़ा हो गया। मैच समाप्त होने के बाद परंपरागत रूप से दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच हाथ मिलाने की प्रक्रिया होती है, लेकिन भारतीय टीम ने इस परंपरा को इस बार नजरअंदाज कर दिया। सूर्यकुमार यादव और शिवम दुबे सीधे पवेलियन की ओर बढ़ गए और पूरी टीम उनके पीछे-पीछे ड्रेसिंग रूम में चली गई। पाकिस्तानी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ लंबे समय तक हाथ मिलाने के लिए मैदान पर खड़े रहे, लेकिन भारतीय टीम बाहर नहीं आई।

क्या कहते हैं ICC के नियम?

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के नियमों के अनुसार, मैच के बाद हैंडशेक करना कोई अनिवार्य प्रोटोकॉल नहीं है। यह पूरी तरह से खेल भावना और परंपरा पर आधारित एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है। हालांकि, अगर कोई खिलाड़ी जानबूझकर हैंडशेक से इनकार करता है और उसका आचरण खेल भावना के खिलाफ माना जाए, तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.1.8 के अंतर्गत, ऐसा व्यवहार खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला माना जाता है।

इस प्रकार के मामलों को लेवल-1 और लेवल-2 अपराधों में वर्गीकृत किया गया है लेवल-1 अपराध के लिए खिलाड़ी को चेतावनी दी जा सकती है या उस पर अधिकतम $2000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। लेवल-2 अपराध में मैच फीस का 100% जुर्माना, डिमेरिट प्वाइंट्स, और कुछ मामलों में मैच बैन तक लगाया जा सकता है। यदि किसी खिलाड़ी के खाते में 24 महीनों के भीतर चार या अधिक डिमेरिट अंक जमा हो जाते हैं, तो उसे एक या अधिक मैचों से निलंबित भी किया जा सकता है। इसलिए, जबकि हैंडशेक न करना नियमों का उल्लंघन नहीं है, लेकिन इसकी मंशा और परिस्थितियों के आधार पर यह आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आ सकता है।

इससे पहले टॉस के दौरान भी दोनों टीमों के कप्तानों  सूर्यकुमार यादव और सलमान अली आगा के बीच हैंडशेक नहीं हुआ था, जिससे यह संकेत मिल गया था कि दोनों टीमों के बीच माहौल तनावपूर्ण है।

सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इस व्यवहार की वजह स्पष्ट करते हुए कहा, "हम मैदान पर केवल क्रिकेट खेलने आए थे और हमने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। लेकिन कुछ बातें खिलाड़ी की भावना से ऊपर होती हैं। यह जीत हमने उन शहीदों को समर्पित की है, जो हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए।" सूर्या ने आगे कहा कि पूरी टीम भारतीय सेना के साथ खड़ी है और यह जीत ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले जवानों को समर्पित है।

भारत के व्यवहार से पाकिस्तानी टीम खासा नाराज दिखी। टीम मैनेजर नवीद अख्तर चीमा ने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट और भारतीय टीम के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज करवाई। चीमा का आरोप है कि टॉस के समय रेफरी ने ही दोनों कप्तानों से हाथ नहीं मिलाने को कहा था, जो खेल भावना के खिलाफ है।

 


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Content Editor

Sahil Kumar

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