भारत की इस महिला के कारण बदला आयरलैंड का गर्भपात कानून
Monday, May 28, 2018 - 08:30 PM (IST)
नई दिल्ली: आयरलैंड में भारतीय महिला सविता का बहुत पहले प्राकृतिक गर्भपात हो गया था लेकिन अस्पताल के चिकित्सकों ने कानून का हवाला देते हुए उनका गर्भपात करने से मना कर दिया था। अनुमति नहीं मिलने पर 2012 में दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार के खून में पस पस पड़ने और संक्रमण के कारण उनकी मौत हो गई थी।
सविता की मौत के साथ ही जीवन बचाने के लिए किए जाने वाले गर्भपात के मुद्दे को लेकर आयरलैंड में बड़े पैमाने पर चर्चा छिड़ गई थी। सविता की मौत के बाद संविधान के आठवें संशोधन को पलटने के लिए माहौल बनने लगा और नये कानून से इस रूढि़वादी कैथोलिक देश में गर्भपात की अनुमति मिल सकेगी।
आयरलैंड में हुए इस ऐतिहासिक बदलाव के पीछे भारतीय मूल की ही एक महिला रही है। भारतीय मूल की सविता हलप्पनवार को 17 हफ्ते के गर्भ को गिराने की इजाजत नहीं दी गई थी जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। ऐतिहासिक जनमत संग्रह में गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में मतदान हुआ है। आयरलैंड में गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए किए गए जनमत संग्रह में 66.4 लोगों ने इसके पक्ष में मतदान किया। गर्भपात से प्रतिबंध हटाने के पक्ष में मतदान को प्रेरित करने के लिए आयरलैंड में काफी दिनों से यस कैंपेन चलाया जा रहा था।
कैथोलिक बहुल इस देश में बहुत ही सख्त गर्भपात कानून है। आयरिश संविधान में 1983 में हुए संशोधन के बाद मां और बच्चे को समान रूप से जीवन का अधिकार दिया गया था। आयरलैंड में गर्भपात तभी कराया जा सकता है जब मां की जान को खतरा हो। इसके अलावा रेप के मामलों या भ्रूण के असामान्य और घातक स्थिति में होने पर भी यहां गर्भपात गैर-कानूनी है।