IPS के युवा अधिकारियों काे PM मोदी का 'मंत्र' , कहा- लोगों में पुलिस की नकारात्मक धारणा को बदलें

Saturday, Jul 31, 2021 - 01:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के परिवीक्षार्थियों (प्रोबेशनर्स) से कहा कि उनके प्रत्येक कार्य में ‘‘राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम’’ की भावना दिखनी चाहिए और उन्हें लोगों की पुलिस को लेकर नकारात्मक धारणा को बदलने के लिए भी काम करना चाहिए। मोदी ने आईपीएस परिवीक्षार्थियों से अनुरोध किया कि वे फील्ड में रहते हुए जो भी फैसले लें, उसमें देशहित होना चाहिए और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपको हमेशा याद रखना है कि आप एक भारत, श्रेष्ठ भारत के भी ध्वजवाहक हैं।’’

पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें 

  • मेरा हर साल ये प्रयास रहता है कि आप जैसे युवा साथियों से बातचीत करूं। आपके विचारों को लगातार जानता रहूं। 
  • आपके विचार, सवाल, उत्सुकता, मेरे लिए भी भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सहायक होंगे।
  • आप एक ऐसे समय पर करियर शुरु कर रहे हैं, जब भारत हर क्षेत्र, हर स्तर पर Transformation के दौर से गुजर रहा है।
  • आपके करियर के आने वाले 25 साल, भारत के विकास के भी सबसे अहम 25 साल होने वाले हैं।
  • इसलिए आपकी तैयारी, आपकी मनोदशा, इसी बड़े लक्ष्य के अनुकूल होनी चाहिए

 

प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में आईपीएस परिवीक्षार्थियों को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इसलिए आपके हर कार्य में राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना दिखनी चाहिए।  लोगों के बीच पुलिस की नकारात्मक धारणा अपने आप में एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की शुरुआत के दौरान यह धारणा थोड़ी बदली जब लोगों ने पुलिसकर्मियों को मदद करते हुए देखा, लेकिन हालात अब फिर से पुरानी धारणा वाले हो गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और आतंकवाद से लड़ाई के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दी। वे कई दिनों तक घर नहीं जाते, वे त्योहारों पर भी घर नहीं जा पाते लेकिन जब पुलिस की छवि की बात आती है तो लोगों की धारणा अलग है।

मोदी ने कहा कि पुलिस बल में आ रही नयी पीढ़ी की यह जिम्मेदारी है कि वह इस छवि को बदले और पुलिस को लेकर नकारात्मक धारणा दूर हो जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 75 वर्षों में भारत ने एक बेहतर पुलिस सेवा के निर्माण का प्रयास किया है और हाल के वर्षों में पुलिस प्रशिक्षण से जुड़े बुनियादी ढांचे में भी काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘1930 और 1947 के बीच देश के युवा जिस तरीके से देश में सामने आए, पूरी युवा पीढ़ी एक लक्ष्य के लिए एकजुट हो गयी, आज आपसे ऐसे ही भावना की उम्मीद है। लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में ‘स्वराज’ के लिए लड़ाई लड़ी, आज आपको खुद को ‘सुराज’ के प्रति समर्पित करना होगा। आप अपना करियर ऐसे समय में शुरू कर रहे हैं जब भारत हर क्षेत्र, हर स्तर में बदलाव के दौर से गुजर रहा है।’’

ज्ञात हो कि सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के आधार पर चुने गये भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करता है। भारतीय पुलिस सेवा में अधिकारियों का चयन प्रत्येक वर्ष संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित ‘सिविल सेवा परीक्षा’ के माध्यम से होता है। सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में है।

vasudha

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