जांच एजेंसियों ने अदालत को बताया, चिदंबरम से हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत

Saturday, Jan 26, 2019 - 02:05 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय पी चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है। दोनों एजेंसियों ने यह आग्रह न्यायमूर्ति सुनील गौड़ के समक्ष आईएनएक्स मीडिया से संबंधित भ्रष्टाचार और धनशोधन मामले में श्री चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई के दौरान किया।

गौड़ ने अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि फैसला आने तक चिदबरम को गिरफ्तारी से मिली छूट जारी रहेगी। जांच एजेंसी की तरफ से महाधिवक्ता तुषार मेहता पेश हुए। मेहता ने दलील दी कि चिदंबरम पूछताछ के दौरान टालमटोल वाले और लंबे उत्तर दे रहे हैं। चिदंबरम के पास जो जानकारियां हैं, वह उसे जांच एजेंसियों के साथ साझा नहीं कर रहे हैं और इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है।

इससे पहले गत मंगलवार को सुनवाई के दौरान श्री चिदंबरम की गिरफ्तारी पर कल (24 जनवरी) तक अंतिरम रोक लगी थी। चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें केवल एक बार जून 2018 में सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में आरोपी के रूप में चिदंबरम का नाम भी शामिल नहीं है।

तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पहले कार्यालय में चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की दो योजनाओं को स्वीकृति थी दी। आईएनएक्स मीडिया मामला एफआईपीबी की ओर से 305 करोड़ रुपये की मंजूरी में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। इस मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम, आईएनएक्स मीडिया कंपनी के तत्कालीन निदेशक इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी भी इस मामले में आरोपी हैं।

Yaspal

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