..पुराने नोट न लें तो बोहनी भी नहीं होगी!

Monday, Nov 21, 2016 - 01:52 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रगति मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में दुकान लगाने वाले अधिकतर व्यापारियों के पास अब तक कार्ड स्वाइप मशीनें नहीं पहुंची हैं, जिससे वे 1000 और 500 रुपए के पुराने नोट लेने के लिए मजबूर हैं। सरस मेले में झारखंड से आये एक व्यापारी ने कहा, कार्ड मशीन नहीं होने की स्थिति में यदि पुराने नोट स्वीकार नहीं करेंगे तो बोहनी भी नहीं होगी।' 

अभी तक नहीं पहुंची मशीनें
उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले एक्सिक बैंक के पास मशीन के लिए आवेदन किया था। बैंक के अधिकारियों ने कहा था कि दो दिन में मशीन आ जाएगी लेकिन अब तक नहीं मिली है। इसके बाद स्टेट बैंक के पास आवेदन किया है। उनका कहना है कि पुराने नोटों पर प्रतिबंध के कारण पिछले साल के मुकाबले इस साल बिक्री काफी कम रह गई है। उल्लेखनीय है कि 8 नवंबर की रात प्रधानमंत्री द्वारा अचानक नोटबंदी के साथ खातों तथा एटीएम से पैसा निकालने की सीमा तय करने की घोषणा के बाद से ही लोगों के पास वैध नकदी की कमी हो गई है।  

विदेशी व्यापारियों का बुरा हाल
व्यापार मेले में आई निजी कंपनियों के अधिकतर स्टॉलों पर कार्ड स्वाइप मशीनें पहुंच चुकी हैं लेकिन विभिन्न राज्यों से हस्तशिल्प तथा पारंपरिक उत्पादों के संवद्र्धन के मद्देनजर जिन व्यापारियों को दुकानों का आवंटन हुआ है उनके पास अभी मशीनें नहीं पहुंच सकी हैं। सबसे बुरा हाल तो विदेशों से आए व्यापारियों का है। बंगलादेश से आए अरिफुल इस्लाम ने मिलीजुली हिंदी-बंगला में बताया कि भारत में जब उनका बैंक खाता ही नहीं है तो कार्ड स्वाइप मशीन या पेटीएम के लिए तो वे सोच भी नहीं सकते। 

बमुश्किल 10000 रुपए की बिक्री
उन्होंने बताया कि पिछले साल भी वे आए थे। उस समय जहां एक-एक ग्राहक 10-20 हजार रुपए की खरीदारी करता था, वहीं इस बार पूरे दिन भर में बमुश्किल 10 हजार रुपए की बिक्री हो पा रही है। उन्होंने बताया कि लोग जो पुराने नोट देते हैं उन्हें भी वे 20 प्रतिशत तक कमीशन देकर नए नोटों में बदलवाने को विवश हैं क्योंकि यहां का कोई भी बैंक उनके नोट नहीं बदलेगा। उत्तर प्रदेश की पारंपरिक साड़ियां लेकर यहां आये बुनकर अब्दुल हसन ने बताया कि अन्य वर्षों की तुलना में इस बार बिक्री आधी रह गयी है।

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