कोकीन तस्करी मामले में अंतरराष्ट्रीय नशा तस्कर गिरफ़्तार
punjabkesari.in Saturday, Aug 10, 2024 - 08:27 PM (IST)
चंडीगढ़, 10 अगस्त:(अर्चना सेठी) नशों के विरुद्ध शुरु की मुहिम दौरान एक बड़ी सफलता हासिल करते पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ सांझे आपरेशन में अंतर्राष्ट्रीय नशा तस्कर सिमरनजोत सिंह संधू ( 30), जो जर्मनी में 487 किलो कोकीन तस्करी मामले ( 2020) का सरगना है, को गिरफ़्तार किया है। यह जानकारी देते हुये पंजाब के डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस ( डीजीपी) गौरव यादव ने आज यहाँ बताया कि यह सफलता मोगा पुलिस की तरफ से 16 जून, 2024 को 1 किलो हेरोइन समेत गिरफ़्तार किये गए स्थानीय नशा तस्कर बेअंत सिंह और सुखदीप सिंह की गिरफ़्तारी उपरांत बारीकी के साथ की गई जांच के बाद सामने आई है। इन मुलजिमों के बयानों के आधार पर पुलिस ने मनदीप सिंह जो कि मौजूदा समय अमरीका में रहता है और सिमरनजोत सिंह, जो मनदीप सिंह के निर्देशों पर पंजाब में हेरोइन के खरीददारों की खोज कर रहा था, को नामज़द किया था।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि मुलजिम सिमरनजोत संधू अंतरराष्ट्रीय ड्रग कारटेल का मुख्य सरगना है और जर्मनी में नशों के मामलों में वांछित है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि गिरफ़्तार किये गए मुलजिमों ने अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के ज़रिये भारत और अन्य यूरोपीय देशों में नशों की तस्करी में बड़ी भूमिका निभाई है।
इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस ( आईजीपी) हैडक्वाटर डा. सुखचैन सिंह गिल, जिन के साथ डीआईजी फरीदकोट रेंज अश्वनी कपूर और एसएसपी मोगा डा. अंकुर गुप्ता भी मौजूद थे, ने प्रैस कान्फ्ऱेंस दौरान अन्य विवरन सांझे करते बताया कि 1 किलो हेरोइन बरामदगी मामले की आगे जांच दौरान मोगा पुलिस ने बटाला के गाँव गोखूवाल के निवासी सिमरनजोत संधू को मोगा के गाँव भलूर से गिरफ़्तार किया है।
उन्होंने बताया कि मुलजिम सिमरनजोत जो 2002 में जर्मनी गया था, टैक्सी चालक के तौर पर काम करता था और मार्च 2020 से जून 2020 के अरसे के दौरान उक्त मुलजिम ने ब्राजील और अन्य दक्षिणी अमरीकी देशों से स्पलाई की जा रही कम से- कम 487 किलो कोकीन, 66 किलो मैरीओआना और 10 किलोग्राम हशीश को हैम्बर्ग जर्मनी की बंदरगाह से उतारने के बाद उसको स्टोर और स्पलाई करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि दोषी एक ऐनक्रिपटड मोबाइल एप 'ऐनकरोचैट'पर बातचीत करता था।
इस के बाद मुलजिम को 28 फरवरी, 2022 को जर्मनी की अदालतों द्वारा नारकोटिक ड्रग्गज़ एक्ट की धारा 29 के अंतर्गत 8 साल और 6 महीने की सजा सुनाई गई थी, परन्तु इस से बचने के लिए वह पहले ही जुलाई 2023 में दुबई भाग गया और फिर सितम्बर 2023 में भारत आ गया।
आईजीपी ने बताया कि मुलजिम सिमरनजोत 11 महीनों से गिरफ़्तारी से बचने के लिए अमृतसर, चंडीगढ़, राजस्थान, मोगा आदि समेत भारत में अलग- अलग स्थानों पर रह रहा था। उन्होंने कहा कि गिरफ़्तार किये गए मुलजिम से भारत में उस की गतिविधियों बारे जानने के लिए विस्तृत पूछताछ की जा रही है।