एनआरसी मामले में SC का केंद्र को निर्देश, निष्पक्ष रूप से दर्ज हों आपत्तियां

Wednesday, Aug 01, 2018 - 12:40 AM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (आनआरसी) से बाहर रह गये लोगों की आपत्तियां निष्पक्ष रूप से दर्ज की जानी चाहिए, साथ ही इसके लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया जाना चाहिए।



न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि सूची के बाहर रह गये लोगों को नियमित नोटिस भेजा जाना चाहिए और उनका पक्ष सुना जाना चाहिए। न्यायामूर्ति गोगोई ने कहा,‘‘हम यह देखेंगे कि सब कुछ निष्पक्ष हुआ है अथवा नहीं। उसके बाद हम फैसला लेंगे। यदि कुछ करने की आवश्यकता हुई तो हम जरूर करेंगे। उन्होंने एटर्नी जनरल के के वेणुगोपाल से कहा, आपको जो करना है वह कीजिए, हम उसके बाद निर्णय करेंगे। हमारी चुप्पी न तो सहमति है, न इन्कार और ना ही आश्वासन।



सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों के नाम एनआरसी में नहीं आये हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी। एटर्नी जनरल ने खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि संबंधित मंत्रालय दावों एवं आपत्तियों के निपटारे के लिए एसओपी तैयार कर रहा है, ताकि निष्पक्ष प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके। उन्होंने खंडपीठ को आश्वस्त किया कि सरकार अगस्त के मध्य तक एसओपी न्यायालय को सौंप देगी।



शीर्ष अदालत एनआरसी प्रक्रिया को निरस्त करने संबंधी कई याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई कर रही है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया नागरिकता नियमावली 2003 का उल्लंघन है।

Yaspal

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