पंजाब व हरियाणा सहित 13 राज्यों के प्रदूषण बोर्ड को सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश

Saturday, Aug 24, 2019 - 04:23 AM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) ने 124 गंदगी शोधन संयंत्रों (सी.ई.टी.पी.) के मानकों पर खरे नहीं उतरने के बाद 13 राज्यों के प्रदूषण बोर्ड को सुधारात्मक उपाय करने के निर्देश दिए हैं। 

इनमें सबसे अधिक 34 सी.ई.टी.पी. तमिलनाडु में, महाराष्ट्र में 24, राजस्थान में 13, हरियाणा में 14, कर्नाटक में 11, केरल में 8, उत्तर प्रदेश में 5, उत्तराखंड में 3, हिमाचल प्रदेश में 1, तेलंगाना में 4, त्रिपुरा में 1, मध्य प्रदेश में 2 और पंजाब में 4 हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) के निर्देश पर अप्रैल-मई में सी.ई.टी.पी. निरीक्षण के बाद सी.पी.सी.बी. ने निर्देश दिया। 

सी.पी.सी.बी. ने जल अधिनियम के तहत 13 राज्यों को लिखे पत्र में 15 दिनों के भीतर निर्देश के अनुपालन के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी सी.ई.टी.पी. पर राज्य सरकार कार्य करे ताकि बिना शोधन उद्योगों का दूषित जल प्रवाहित न हो।

क्या हैं जल शोधन संयंत्र मानक
जल शोधन संयंत्र मानकों में जल की स्वच्छता को राष्ट्रीय मापदंडों पर मापा जाता है। इन संयंत्रों पर जल में अलग-अलग पदार्थों की गुणवत्ता के आधार पर शुद्धता से मापा जाता है। जो जल में पर्यावरण के अनुकूल हो। इन मानकों में जल प्रदूषित तभी होता है जब वह जैविक रूप से, रासायनिक, लवणता अर्थात कुल विघटित ठोस पदार्थ, विघटित लौह, आर्सेनिक, नाइट्रेट आदि के निर्धारित मापदंडों के अनुकूल न हो। 

Pardeep

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