कबाड़ में तब्दील नहीं होगा भारतीय नौसेना की शान ''INS विराट''! 100 करोड़ की डील पर हो रहा विचार

Friday, Oct 02, 2020 - 02:49 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सेवा से विदा कर दिए गए युद्धपोत आईएनएस विराट के नए मालिक ने इसे बेचने के लिए मुंबई की एक कंपनी से 100 करोड़ रुपये मांगे है। यह कंपनी इस युद्धपोत को तोड़ने से बचाने और इसे संग्रहालय में तब्दील करने की आखिरी कोशिश कर रही है। आईएनएस विराट एक विमानवाहक पोत है, जिसे 1987 में नौसेना में शामिल किया गया था और 2017 में सेवा से हटा दिया गया था। इसे श्री राम ग्रुप ने इस साल जुलाई में हुई नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीदा था। यह युद्धपोत गुजरात के तट पर अलंग पर पोत तोड़ने वाले यार्ड पर पिछले हफ्ते पहुंचा गया था। यह भारत की समृद्ध समुद्र विरासत का प्रतीक है।

राम ग्रुप के अध्यक्ष मुकेश पटेल ने कहा कि यह पोत नीलामी में कबाड़ के तौर पर खरीदा गया था। संभावित खरीदार को इसे खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा। उन्होंने कहा कि मैंने यह पोत अपने देश के लिए मेरे प्रेम की वजह से खरीदा था। अब मुंबई की एक कंपनी इस पोत को संग्रहालय में बदलना चाहती है। चूंकि वे भी यह देशभक्ति की वजह से कर रहे हैं, इसलिए मैं उन्हें पोत बेचने को राजी हो गया। लेकिन उन्हें रक्षा मंत्रालय से एनओसी लेनी होगी, बिना इसके मैं पोत उन्हें नहीं बेच पाऊंगा।

पटेल ने कहा कि उन्होंने पहले 125 करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन कंपनी के अच्छे काम पर विचार करते हुए इसे 100 करोड़ रुपये में बेचने पर राजी हो गया। पटेल ने यह भी कहा कि यह पेशकश सीमित समय के लिए है और वह सिर्फ अगले हफ्ते तक इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि कंपनी एनओसी लेने के लिए काफी कोशिशें कर रही है। लेकिन मैं हमेशा के लिए प्रतीक्षा नहीं कर सकता हूं। मैं एक और हफ्ते इंतजार करुंगा। इसके बाद मैं (पोत को) तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दूंगा।


एनवीटेक्ट मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटिड के प्रबंधक निदेशक वीके शर्मा ने युद्धपोत खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने पहले केंद्र सरकार से एनओसी हासिल करने का विश्वास व्यक्त किया था ताकि आईएनएस विराट को संग्रहालय में बदला जा सके। शर्मा ने दावा किया था कि उन्हें इस देशभक्ति की कोशिश में गोवा सरकार का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा, "हम एनओसी पाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं और हम इसे जल्द हासिल करने को लेकर आश्वस्त हैं। मैं मुकेशभाई से व्यक्तिगत रूप से मिला था और हम दोनों पोत की कीमत पर सहमत हुए थे।

vasudha

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