नौसेना की जागीर बनी INS वागीर, समुद्र के भीतर ही कर देगी दुश्मन का खेल खल्लास

Tuesday, Dec 20, 2022 - 10:04 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारतीय नौसेना को मंगलवार को पांचवीं स्कॉर्पीन पनडुब्बी वगीर प्राप्त हुई, जिसे अगले महीने सेवा में शामिल करने की योजना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस पनडुब्बी को सेवा में शामिल किये जाने से नौसेना की लड़ाकू क्षमता ऐसे वक्त में बढ़ने वाली है, जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, ‘‘वगीर ने एक फरवरी से समुद्री परीक्षण शुरू किया था और यह बहुत गर्व की बात है कि उसने सभी महत्वपूर्ण परीक्षण पूरे कर लिये हैं।''

परियोजना - 75 में स्कॉर्पीन डिजाइन की छह पनडुब्बियों का स्वदेशी निर्माण शामिल है। इन पनडुब्बियों का निर्माण मैसर्स नेवल ग्रुप, फ्रांस के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) मुंबई में किया जा रहा है। 12 नवंबर 2020 को लॉन्च की गई वागीर ने 01 फरवरी 2022 से समुद्री परीक्षण शुरू किया था और यह बहुत गर्व की बात है कि उसने समय से पहले ही अन्य पनडुब्बियों की तुलना में कम से कम वक्त में हथियार और सेंसर परीक्षणों सहित सभी प्रमुख परीक्षणों को पूरा कर लिया।

ये है मुख्य खासियत
आइएनएस वागीर कलवारी क्लास डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है। इसकी गति पानी के ऊपर करीब 20 किलोमीटर प्रतिघंटा और पानी के अंदर 37 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह 15 से 30 हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर सकती है। यह लगातार 50 दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है और 350 फिट की समुद्र की गहराई तक जा सकती है। इसके जरिये 18 एसयूटी टारपीडोज और एसएम .39  एक्सोसेट एंटीशिप मिसाइल को लांच किया जा सकता है। यह पानी के अंदर समुद्री सुरंग भी बिछा सकती है। एक बार में 30 समुद्री सुरंग बिछाने की क्षमता है। यह दुश्मनों पर अटैक करने के साथ उनकी जासूसी भी कर सकती है। इसकी लंबाई, चौड़ा और ऊंचाई क्रमशः 221 फिट, 20 फिट और 40 फिट है। यह एंटी टारपीडो काउंटर मेजर सिस्टम से भी लैस है। पानी के अंदर से ही मिसाइल लांच करने की क्षमता है। 

Yaspal

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