अस्पताल में जन्मी अनोखी बच्ची... दो दिल के साथ पैदा हुई नवजात, चिकित्सा जगत में हैरान कर देने वाला केस
punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 11:49 AM (IST)

नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक बेहद दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण चिकित्सा मामला सामने आया है। 13 अगस्त को खरगोन जिले के मोथापुरा गांव की एक महिला ने ऐसे शिशु को जन्म दिया है, जिसकी बनावट ने डॉक्टरों और समाज दोनों को हैरान कर दिया है। इस बच्ची के दो सिर, चार हाथ, और दो दिल हैं, जबकि उसका सीना और पेट एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा, उसके दो सामान्य पैर भी हैं। इस अनोखे जन्म को चिकित्सा जगत में ‘कंजॉइंड ट्विन्स’ कहा जाता है, जिसका मतलब है कि शरीर के कई अंगों का आपस में जुड़ा होना।
बच्ची को इंदौर के एमवाय अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसकी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे मामलों में सर्जरी बेहद कठिन और जोखिम भरी होती है क्योंकि अंगों का जटिल रूप से जुड़ा होना ऑपरेशन को चुनौतीपूर्ण बना देता है। फिलहाल बच्ची की हालत स्थिर है और राहत की बात यह है कि उसके दोनों दिल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। आगे की जांच में सोनोग्राफी सहित कई जरूरी टेस्ट किए जा रहे हैं ताकि उसकी सेहत की स्थिति का सही आकलन किया जा सके।
इस बच्ची का जन्म MTH अस्पताल में हुआ, लेकिन नाजुक हालत के चलते उसे एमवाय अस्पताल रेफर किया गया। वहां उसे पीआईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि छह महीने बाद भी उसकी स्थिति स्थिर रहती है, तो संभव है कि सर्जरी के जरिए शरीर के जुड़े हिस्सों को अलग किया जा सके, हालांकि यह प्रक्रिया बेहद संवेदनशील और जोखिमपूर्ण होगी।
यह बच्ची परिवार की पहली संतान है। परिजनों ने डॉक्टरों की सलाह के बाद बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर ले जाने का निर्णय लिया है। परिवार वाले उसकी सेहत में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं और भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि बच्ची स्वस्थ रहे।
इंदौर में यह पहली बार नहीं कि ऐसा मामला सामने आया हो। पहले भी यहां दो सिर वाले बच्चे का जन्म हुआ था, जो चिकित्सा जगत के लिए हमेशा से एक चुनौती रहा है। ऐसे दुर्लभ मामले न केवल डॉक्टर्स के लिए बल्कि समाज के लिए भी सोचने और समझने का विषय बन जाते हैं। यह बच्ची न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय के लिए एक नई चुनौती और उम्मीद लेकर आई है। आने वाले समय में उसकी देखभाल और उपचार की दिशा तय करेगी कि इस जटिल स्थिति में कितना सुधार संभव है।