कोरोना रिस्क के चलते बच्चे पैदा करने में हिचक रहे भारतीय, कई बोले-वैक्सीन का इंतजार
Sunday, Aug 16, 2020 - 12:58 PM (IST)
नेशनल डेस्कः कोरोना संकट चे चलते भारतीय इस समय बच्चे पैदा करने से हिचक रहे हैं। दरअसल एक तो कोरोना की मार दूसरा डगमगाती अर्थव्यवस्था लोगों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। कई लोगों का कहना है कि जब कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी तो बेबी प्लानिंग पर सोचेंगे, फिलहाल तब तक इंतजार करेंगे। वहीं जिन लोगों का पहला बच्चा है वो किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। वहीं ताजा रिसर्च भी बताती है कि स्वास्थ्य और वित्तीय अस्थिरता का गर्भधारण जैसे फैसलों पर बड़ा असर होता है। ब्रुकिंग्स के एक लेख के मुताबिक 1918 में जब स्पैनिश फ्लू आया था तब बर्थ रेट में 18% की गिरावट देखी गई थी। उसी के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अब भी वायरस के चलते अगले साल तीन से पांच लाख तक कम बच्चे पैदा हो सकते हैं।
दूसरी तरफ भारतीय अस्पतालों के डेटा के अनुसार कई कपल्स बच्चा पैदा करने के प्लान को टाल रहे हैं। कई लोग तो प्री-कसेप्शन काउंसलिंग के लिए अस्पताल आने तक से डर रहे हैं। मुंबई के लीलावती अस्पताल के गायनकोलॉजिस्ट डॉ स्वर्णा गोयल के मुताबिक प्रेग्नेंसी में 25% कमी आई है। जो लोग IVF के जरिए इलाज करवा रहे थे उन्होंने भी कोर्स बीच में ही रोक दिया। वहीं प्रेग्नेंसी घटने का एक कारण कम शादियां होना भी है। दरअसल कोरोना के चलते देश में लगे लॉकडाउन के कारण कई लोगों ने शादियों को टाल दिया।