सऊदी सरकार ने कसा शिकंजा, भारतीय वापस लौटने को मजबूर

Tuesday, Jul 17, 2018 - 12:19 PM (IST)

य़ूएईः सऊदी अरब में अमरीका की तर्ज पर सरकार द्वारा प्रवासियों पर शिकंजा कसने कारण यहां रहने वाले हजारों भारतीय वतन लौटने को मजबूर हैं। सऊदी फर्स्ट की नीति और विदेशियों के लिए फैमिली टैक्स दोगुना किए जाने कारण प्रवासियों का इस देश में रहना कठिन होता जा रहा है। मुश्किल की बात ये है कि 2020 तक फैमिली टैक्स चार गुना कर दिया जाएगा। इसके अलावा बिजली, पानी और ईंधन के दामों में भारी बढ़ोतरी भी विदेशी नागरिकों के पलायन की वजह मानी जा रही है। सऊदी में फैमिली टैक्स 2017 से शुरू किया गया था। तब ये 100 रियाल यानी 1828 रुपए प्रति महीने प्रति व्यक्ति था। 2018 में इसे 3656 रुपए कर दिया गया। ऐसे में भारतीय लोग परिवार के अतिरिक्त सदस्यों को भारत वापस भेज रहे हैं।

 सऊदी सरकार ने 2020 तक बेरोजगारी कम करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सऊदी फर्स्ट नीति पर अमल किया जा रहा है, यानी कंपनियां सबसे पहले सऊदी के नागरिकों को नौकरियां दे सकेंगी। घड़ियों, चश्मे, मेडिकल स्टोर, इलेक्ट्रिकल शॉप, कार शोरूम, बिल्डिंग मटेरियल की दुकानों, कारपेट स्टोर, ऑटोमोबाइल, मोबाइल दुकानों, फर्नीचर के शोरूम, रेडीमेड गारमेंट्स, घरेलू जरूरतों की दुकानों और पेस्ट्री शॉप में विदेशियों के काम पर रोक लगा दी है।  दिसंबर 2017 से ईंधन के दाम दोगुने हो गए हैं। एक लीटर ऑक्टेन-91 ईंधन की कीमत दिसंबर में 75 हलाला (रियाल का सौवां हिस्सा) थी, अब 1.38 रियाल यानी 25 रुपए हो गई है। बिजली के दामों में तीन गुना तक इजाफा हुआ है। पहले जिस परिवार का बिजली का बिल 200 रियाल यानी 3600 रुपए आता था, अब उसे 600 रियाल यानी 10 हजार 800 रुपए बिल भरना पड़ रहा है।

 सऊदी सरकार ने फैमिली वीजा की फीस भी 2000 रियाल यानी 36 हजार रुपए कर दी है। पहले ये मुफ्त में बनता था। सिंगल एग्जिट रीएंट्री वीजा की फीस 1 साल के लिए 3600 रुपए थी। अब इसकी अवधि घटाकर 2 महीने कर दी गई है। इसके बाद इसे बढ़ाने के लिए 1800 रुपए हर महीने देने होंगे। सऊदी अरब में करीब 32.5 लाख भारतीय काम कर रहे हैं। इनमें केरल के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा करीब 40% और तेलंगाना के लोगों की करीब 25% है। इसके बाद महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के लोगों का नंबर आता है। सऊदी से अब तक कितने भारतीय लौटे इसका आंकड़ा अभी सामने नहीं आया है, लेकिन हैदराबाद के स्कूलों के मुताबिक, अचानक एनआरआई बच्चों का दाखिला बढ़ा है। यही हाल केरल के स्कूलों का भी है।
 

Tanuja

Advertising