महिला खोल नहीं पाती थी मुंह, भारतीय डॉक्टरों की मेहनत से 30 साल बाद बोली पहला शब्द

Tuesday, Mar 30, 2021 - 01:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली के एक महिला ने 30 साल बाद दुनिया को अपनी आवाज सुनाई। जन्म से बेजुबान रही महिला के लिए ये किसी चमत्कार से कम नहीं था। उसके सपने काे सच करने में अहम भूमिका रही दिल्ली में सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों ने। जी हां दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में खोपड़ी की हड्डी के साथ जबड़े के जुड़े होने के चलते सही ढंग से मुंह नहीं खोल पाने वाली महिला का सफल ऑपरेशन किया गया।

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हम बात कर रहे हैं दिल्ली के पंजाब नेशनल बैंक में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यस्थ आस्था मोंगिया की। आस्था जन्म से ही पीड़ित थीं और उनके जबड़े की हड्डी मुंह के दोनों तरफ से खोपड़ी की हड्डी से जुड़ी हुई थी, जिस कारण वह अपना मुंह खोल नहीं पाती थी। बोलना तो दूर की बात वह कुछ खा भी नहीं सकती थी,  वह इतने सालों से सिर्फ तरल पदार्थ के सहारे ही जिंदा थी। अस्पताल ने एक बयान में कहा कि आस्था मोंगिया का बहुत हल्का सा मुंह खुलता था और वह अपने हाथ से जबान तक को नहीं छू पाती थीं। बीते 30 साल में वह ठोस भोजन नहीं खा पाती थीं और उन्हें बोलने में भी दिक्कत होती थी। दांतों में संक्रमण के चलते उनके सारे दांत खराब हो गए थे।'

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डॉक्टरों ने कहा कि रोगी के चेहरे दाहिनी ओर के ऊपरी हिस्से, नेत्रकूप (ऑर्बिट) और माथे के आसपास ट्यूमर के चलते यह ''एक पेचीदा मामला था। भारत, ब्रिटेन, और दुबई के कई नामचीन अस्पतालों ने भी यह सर्जरी करने से इनकार कर दिया था।  सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर राजीव आहूजा ने कहा कि मोंगिया का मुंह अब तीन सेंटीमीटर और खुल सकता है। किसी सामान्य व्यक्ति का मुंह 4 से 6 सेंटीमीटर खुल सकता है। 

 

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डॉ. राजीव आहूजा ने जब मरीज को देखा तो उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी, वैस्कुलर सर्जरी एवं रेडियोलॉजी विभाग की टीम बुलाई और बहुत चर्चा के बाद यह सर्जरी करने का फैसला लिया गया। 20 मार्च को हुए इस ऑपरेशन में डॉक्टरों की टीम ने धीरे-धीरे ट्यूमर की नसों को बचाते हुए जबड़े को खोपड़ी से काटकर अलग किया।  इसी तरह से बाएं हिस्से में भी जुड़े हुए जबड़े को अलग किया। डॉक्टरों ने बताया कि अभी मुंह की फिजियोथेरेपी और व्यायाम से मरीज का मुंह और ज्यादा खुलेगा। 30 साल बाद अपना मुंह खोलने के बाद आस्था मोंगिया ने कहा कि इस दूसरे जन्म के लिए मैं भगवान और डॉक्टरों का धन्यवाद करती हूं.। वहीं उनके पिता ने कहा कि मेरी बेटी ने  पिछले 30 सालों में बहुत कष्ट झेला है। सफल सर्जरी के बाद वह  अपनी जीभ को भी छू सकती है और सामान्य तरीके से बातचीत कर सकती है।

vasudha

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