18 साल में पहली बार लोकसभा में हुई देर रात तक चर्चा

Saturday, Jul 13, 2019 - 10:18 AM (IST)

नई दिल्ली: देश में पिछले 18 सालों में पहली बार ऐसा हुआ जब लोकसभा (Lok Sabha) में देर रात तक चर्चा हुई। रेलवे (Indian Railway) की अनुदान मांगों पर चर्चा रात में करीब 12 बजे तक चली। इस चर्चा के दौरान विपक्ष के संसद सदस्य भी मौजूद रहे। लोकसभा ने गुरुवार को वर्ष 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर देर रात तक बैठकर चर्चा पूरी की। निचले सदन में रात्रि 11 बजकर 58 मिनट तक चर्चा हुई और करीब 100 सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया तथा अपने अपने क्षेत्रों से जुड़े विषयों को उठाया।

मध्यरात्रि तक संसद में चला कामकाज
मध्यरात्रि तक संसद में कामकाज चलने के बाद रेल राज्यमंत्री सुरेश चन्नबसप्पा अंगदी ने कहा कि 'रेलवे एक परिवार की तरह है जो सभी को एक साथ लेकर चलता है और सभी को संतुष्ट करता है। सभी सदस्यों के अच्छे सुझाव मिलते हैं। पीएम मोदी के आने के बाद से रेलवे बदल गया है। वाजपेयी जी ने सड़कों के लिए बहुत कुछ किया, मोदी जी रेलवे के लिए कर रहे हैं।'

संसदीय कार्य मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष को कहा शुक्रिया
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने देर रात तक सदन की कार्यवाही चलाने की पहल के लिए लोकसभा अध्यक्ष के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह करीब 18 वर्षों में पहली बार ऐसी घटना है कि सदन ने देर रात तक इस तरह से बैठकर चर्चा की।

विपक्ष ने रेलवे के निजीकरण का लगाया आरोप 
चर्चा के दौरान कांग्रेस (Congress) सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि आम बजट में रेलवे में सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी), निगमीकरण और विनिवेश पर जोर देने की आड़ में इसे निजीकरण के रास्ते पर ले जाया जा रहा है। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार को बड़े वादे करने की बजाय रेलवे की वित्तीय स्थिति सुधारना चाहिए तथा सुविधा, सुरक्षा एवं सामाजिक जवाबदेही का निर्वहन सुनिश्चित करना चाहिए।

सत्तारूढ़ बीजेपी ने खारिज किया विपक्ष का आरोप 
सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रेलवे रोजाना नए प्रतिमान और कीर्तिमान गढ़ रहा है तथा पिछले पांच वर्षों में सफाई, सुगमता, सुविधाएं, समय की बचत और सुरक्षा आदि हर क्षेत्र में सुधार हुआ है। अब सरकार का जोर रेलवे में वित्तीय अनुशासन लाने पर है।


 

Anil dev

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