आयरलैंड में हैवानियत! 'तुम भारतीय हो', कहकर उतरवाए कपड़े फिर ब्लेड से... नस्लीय नफरत का खौफनाक चेहरा आया सामने
punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 01:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क। बेहतर भविष्य की उम्मीद में सात समंदर पार एक नई जगह जाने वाले लोगों के लिए यह खबर दिल दहला देने वाली है। आयरलैंड की राजधानी डबलिन में एक भारतीय नागरिक पर दिनदहाड़े बर्बर हमला किया गया। सिर्फ एक हफ्ता पहले डबलिन पहुंचे इस 40 वर्षीय व्यक्ति को 13 लोगों की भीड़ ने घेर लिया, उसके कपड़े फाड़ दिए, ब्लेड से हमला किया और उसे पूरी तरह बेइज़्ज़त किया। इस हमले के बाद उस पर बच्चों के सामने 'कुछ गलत' करने का झूठा आरोप भी मढ़ दिया गया जिसे बाद में आयरिश पुलिस ने सिरे से खारिज कर दिया।
झूठी अफवाह बनी हमले का आधार
यह अमानवीय घटना तब हुई जब भारतीय नागरिक डबलिन के पार्क हिल रोड, टैलाघ्ट इलाके में मौजूद था। एक झूठे आरोप के जरिए उसके खिलाफ भीड़ को उकसाया गया, आरोप था कि वह बच्चों के सामने अनुचित हरकत कर रहा था। बाद में आयरिश पुलिस (गार्डा) ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए साफ कहा कि यह एक झूठी अफवाह थी। गार्डा के मुताबिक इस अफवाह को कुछ दक्षिणपंथी और अप्रवासी-विरोधी ग्रुप सोशल मीडिया पर फैला रहे थे जिसके चलते यह हिंसा भड़की।
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बर्बरता की हदें पार: पीटा, कपड़े उतारे, ब्लेड से हमला
घटना की प्रत्यक्षदर्शी एक आयरिश महिला ने जो बताया वह बेहद चौंकाने वाला और दिल दहलाने वाला है। उन्होंने अपनी आंखों से देखा कि करीब 13 लोग जिनमें एक महिला भी शामिल थी उस भारतीय व्यक्ति को घेरकर बुरी तरह पीट रहे थे। हमलावरों ने उसके सारे कपड़े उतार दिए। उसकी हालत इतनी खराब थी कि उसका पूरा शरीर खून से लथपथ था। महिला ने बताया कि हमलावरों ने अपने हाथों में ब्लेड बांध रखे थे जिससे व्यक्ति के सिर और शरीर पर कई गहरे घाव हुए।
यह कोई पहली घटना नहीं, नस्लभेद की बहस तेज़
इस मामले ने आयरलैंड में नस्लभेद और अप्रवासी-विरोधी भावनाओं की बहस को दोबारा ज़िंदा कर दिया है। यह पहला मामला नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि बीते चार दिनों में चार भारतीयों को इसी तरह चाकू या ब्लेड से निशाना बनाया गया है। हमलावर किशोर गिरोह के सदस्य बताए जा रहे हैं जो मोहल्लों में घूमते हैं और विशेष रूप से भारतीय नागरिकों को निशाना बनाकर हमला करते हैं।
पुलिस जांच और इंसानियत की मिसाल
घायल व्यक्ति को 19 जुलाई की शाम अस्पताल ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद 20 जुलाई को छुट्टी दे दी गई। पुलिस ने इस मामले की जांच हेट क्राइम यानी नफरत से प्रेरित अपराध के तौर पर शुरू कर दी है।
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जिस आयरिश महिला ने इस हमले को देखा उन्होंने इंसानियत की मिसाल पेश की। उन्होंने आगे आकर न सिर्फ घायल व्यक्ति को कंबल दिया बल्कि पुलिस को पूरी घटना की सूचना भी दी। उनकी गवाही इस केस में बेहद अहम साबित हो रही है। भावुक होते हुए महिला ने कहा, “वह आदमी खुद को लेकर इतना शर्मिंदा था जैसे वह समझ ही नहीं पा रहा था कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। मैंने उसे इंसानियत के नाते जो मदद की वो किसी की भी हो सकती थी।”
आयरलैंड की न्याय मंत्री ने भी उठाई आवाज़
आयरिश न्याय मंत्री जिम ओ’कैलाघन ने घटना पर बयान जारी किया। उन्होंने साफ कहा कि यह बात बिल्कुल गलत है कि आप्रवासी अपराधों के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनके मुताबिक जब उन्होंने जेलों के आंकड़े मंगवाए तो पता चला कि जेलों में बंद आप्रवासियों का प्रतिशत समाज में उनकी कुल जनसंख्या से कम है। यानी नस्लीय पूर्वाग्रह और अफवाहें सच नहीं हैं और इन्हीं के चलते ये हिंसा पनपती है।