भारतीय मेजर ने किया पाक सेना का चेहरा बेनकाब

Monday, Nov 06, 2017 - 04:48 PM (IST)

नई दिल्लीः पाकिस्तान के राज्य बलूचिस्तान में पाक सेना के खिलाफ विद्रोह की आग भड़कती जा रही है। भारत के मेजर गौरव आर्य ने पाकिस्तान सेना द्वारा बलूच लोगों पर किए जा रहे जुल्मों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। इस मुद्दे पर पाक के दोहरे चेहरे को बेनकाब करते मेजर आर्य ने अपने ट्वीट में लिखा है कि यहां पाकिस्तानी सेना शाति बनाएं रखने के नाम पर लोगों के अपहरण और हत्याएं कर रही है। पाक सेना द्वारा बलात्कार व जन संहार यहां की रोज की घटनाओं में शामिल हैं।
 

गौरतलब है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान के पश्चिम का राज्य है जिसकी राजधानी क्वेटा है। बलूचिस्तान के पड़ोस में ईरान और अफगानिस्तान है। 1944 में ही बलूचिस्तान को आजादी देने के लिए माहौल बन रहा था, लेकिन 1947 में इसे जबरन पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया। तभी से बलूच लोगों का संघर्ष चल रहा है और उतनी ही ताकत से पाकिस्तानी सेना और सरकार बलूच लोगों को कुचलती रही है।

आजादी की लड़ाई के दौरान भी बलूचिस्तान के स्थानीय नेता अपना अलग देश चाहते थे, लेकिन जब पाकिस्तान ने फौज और हथियार के दम पर बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया तो वहां विद्रोह भड़क उठा था। यह आंदोलन अभी जिंदा है। बलूचिस्तान में आंदोलन के चलते पाकिस्तान ने विकास के हर रास्ते इसके लिए काट रखे हैं। बलूचिस्तान के लोगों के दिन की शुरुआत दहशत के साथ होती है। यहां के हालात के बारे में दुनिया को पता न चले इसलिए इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर कई पाबंदिया हैं। साथ ही साथ रिपोर्टरों पर भी जुल्म किए जाते हैं। 

यहां के कई नेता विदेश में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं और वहीं रहकर पाकिस्तान से आजादी की मांग उठा रहे हैं। अब जब पाकिस्तान में सियासी हालात बिगड़ रहे हैं, तो इन नेताओं ने वक्त रहते अपना आंदोलन तेज करने का फैसला किया है। 10 साल पहले पाकिस्तानी सेना के साथ एक मुठभेड़ में नवाब अकबर खान बुगती मारे गए थे। स्विटजरलैंड में रह रहे उनके पोते निर्वासित बलूच नेता और बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) के अध्यक्ष ब्रह्मदाग बुगती ने  का कहना है कि पाकिस्तान सुरक्षा बल मानवाधिकारों के बेइंतहा उल्लंघनों में शामिल रहे हैं।  उनका कहना है कि बलूच लोग किसी भी हाल में पाकिस्तान के साथ अब और नहीं रहना चाहते।' 

बुगती भारत के स्वतंत्रता दिवस पर मोदी की बलूच को लेकर की गई हालिया टिप्पणी बीते सात दशक में 'सबसे प्रभावशाली बयान' बताया था। बुगती ने तब कहा था, 'यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इस संबंध में बोला है। हमारा मानना है कि भारत को यह कदम बहुत पहले उठा लेना चाहिए था।' बलूच नेता बुगती और मेहरान मरी बलूच स्वतंत्रता संघर्ष  को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में जागरूकता फैला रहे हैं और भारत सहित अन्य देशों से  बलूचिस्तान की मदद करने का अनुरोध करते रहे हैं। 

 


 

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