भारत सरकार ने 2024 में 28,000 से अधिक सोशल मीडिया यूआरएल किए ब्लॉक

punjabkesari.in Wednesday, Dec 04, 2024 - 02:02 PM (IST)

नॅशनल डेस्क। भारत सरकार ने 2024 में अब तक 28,000 से ज्यादा सोशल मीडिया यूआरएल को ब्लॉक किया है। यह संख्या एक साल में सबसे ज्यादा है और यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर उठाए गए हैं। अधिकतर हटाए गए कंटेंट में खालिस्तान समर्थक अलगाववादी आंदोलनों, अभद्र भाषा, और भारत की संप्रभुता को खतरे में डालने वाली सामग्री शामिल थी।

सामग्री हटाने का आधार

यह कार्रवाई भारत के सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत की गई जो सरकार को ऐसी सामग्री को ब्लॉक करने का अधिकार देती है जो राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करती हो।

प्रमुख प्लेटफार्म और ब्लॉक किए गए URL

ब्लॉक किए गए यूआरएल का बड़ा हिस्सा फेसबुक (अब मेटा) और एक्स (पहले ट्विटर) पर था। इन दोनों प्लेटफार्मों से लगभग 10,000 से अधिक यूआरएल हटाए गए। इसके अलावा यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर भी कई अकाउंट्स और यूआरएल हटाए गए। इंस्टाग्राम पर ब्लॉक किए गए यूआरएल की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। 2022 में जहां 355 यूआरएल ब्लॉक किए गए थे वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 1,000 से ज्यादा हो गई है।

व्हाट्सएप ने 138 अकाउंट्स को ब्लॉक किया जिन पर आपत्तिजनक सामग्री साझा की जा रही थी। यूट्यूब और टेलीग्राम पर क्रमशः 540 और 225 यूआरएल ब्लॉक किए गए।

कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य

इन यूआरएल को ब्लॉक करने के प्रमुख कारणों में खालिस्तान जनमत संग्रह को बढ़ावा देना, फर्जी निवेश योजनाओं, धोखाधड़ी से जुड़े ऑफर और आतंकवादी संगठनों से जुड़ी गतिविधियां शामिल थीं। खालिस्तान समर्थक गतिविधियों से जुड़े 10,500 से अधिक यूआरएल को ब्लॉक किया गया जबकि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े 2,100 से ज्यादा यूआरएल पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा सरकार ने राष्ट्रविरोधी और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरे वाले मोबाइल ऐप्स पर भी कार्रवाई की।

यूआरएल ब्लॉक करने का विवरण (वर्षवार):

- फेसबुक: 2022 में 1,743, 2023 में 6,074, और 2024 में 3,159 (सितंबर तक)।
- एक्स (पूर्व में ट्विटर): 2022 में 3,417, 2023 में 3,772, और 2024 में 2,950।
- यूट्यूब: 2022 में 809, 2023 में 862, और 2024 में 540।
- इंस्टाग्राम: 2022 में 355, 2023 में 814, और 2024 में 1,029।
- टेलीग्राम: कुल 225 यूआरएल ब्लॉक किए गए।

सरकार का दृष्टिकोण

भारत सरकार ने यह कदम खुफिया सूचनाओं के आधार पर उठाए जिनमें भारत की संप्रभुता और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले सामग्री के बारे में जानकारी दी गई थी। गृह मंत्रालय ने इन कार्रवाईयों को उचित ठहराने के लिए आईटी अधिनियम की धारा 69A का हवाला दिया जो डिजिटल स्पेस में व्यवस्था बनाए रखने की सरकार की जिम्मेदारी को स्पष्ट करता है।

अंत में बता दें कि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब डिजिटल मीडिया पर बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने इस तरह की कंटेंट पर नियंत्रण रखने के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है।


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News Editor

Rahul Rana

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