चीन की सीमा पर पहाड़ों का सीना चीर सड़क बना रही है भारतीय सेना, साल के अंत तक हो जाएगा पूरा

Sunday, Jun 14, 2020 - 07:08 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच एलएसी पर जारी विवाद के बीच भारत लगातार सड़क निर्माण कर रहा है। बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक 255 किमी लंबे इस सड़क का निर्माण संपन्न कर लिया जाएगा। बता दें कि दारबुक-श्योक-दौलतबेग ओल्डी सड़क में कुल आट पुल बनने हैं। इस सड़क के बन जाने से लेह और दौलत बेग ओल्डी के बीच की दूरी महज 6 घंटे में पूरी हो सकती है।

सरकार के सूत्रों ने बाताया, ‘आठ पुल सहित इस सड़क का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक पूरा कर लेने के लिए प्लाना बनाया जा रहा है। इसके लिए लेह में आठ जगहों पर झारखंड से मजदूर पहुंच चुके हैं। उनकी सही तरीके से स्क्रीनिंग की गई है।’ उन्होंने बताया कि पहाड़ी इलाकों में काम करने के लिए झारखंड के मजदूरों को दिक्कतें नहीं होती हैं। वह आसानी से इस माहौल में ढल जाते हैं। पूर्वी लद्दाख में काम करना काफी कठिन है। साल में सिर्फ चार से पांच महीने यहां काम करना संभव है। बर्फबारी के समय यहां सारे काम ठप पर जाते हैं। 

इस सड़क का निर्माण करीब दो दशक से जारी है। 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तरी सेना के कमांडर, सीमा सड़क संगठन के परियोजना प्रमुख इंजीनियर और 81 ब्रिगेड के कमांडर पिछले कई वर्षों में समन्वय बिठाकर यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि इसे जल्द पूरा कर लिया जाए।

श्योक नदी के पार के क्षेत्र के साथ गैलवान क्षेत्र में पैट्रोलिंग पॉइंट 14 को जोड़ने वाला पुल भी इस सड़क से जुड़ा हुआ है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ कई बिंदुओं पर गतिरोध बना हुआ है। चीन की सेना ने अपनी भारी तोपखाने और बख्तरबंद रेजिमेंटों के साथ 10,000 से अधिक सैनिकों को एलएसी के किनारे पर तैनात कर दिया है। इसके बाद भारत ने भी बराबर की संख्या में अपने सानिकों की तैनाती कर दिया है। हालांकि दोनों देशों के बीच स्थिति सामान्य करने के लिए बातचीत जारी है।

 

Yaspal

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