भारतीय सेना में 'गे' को शामिल होने की अनुमति नहीं दे सकते: आर्मी चीफ

Thursday, Jan 10, 2019 - 03:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सेना की मानसिकता कंजरवेटिव है इसलिए 'गे' समुदाय के लोगों को या व्यभिचार को अनुमति नहीं दे सकते। हालांकि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया फिर भी आर्मी चीफ ने जोर देकर कहा कि, 'हम लोगों के यहां यह नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि आर्मी कानून से बढ़कर नहीं है लेकिन संविधान द्वारा सेना को कुछ छूट ज़रूर दी जानी चाहिए। न ही हम लोग आधुनिक हैं और न ही हमारा पश्चिमीकरण हुआ है। एलजीबीटी का मुद्दा हम लोगों को स्वीकार्य नहीं है।

आतंकी आते रहेंगे और हम मारते रहेंगे
आर्मी चीफ ने अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति को और सुधारने की जरूरत है] अभी भी सीमा पर 300 आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। उन्होंने कहा कि वहां कितने आतंकी मारे गए इससे सफलता तय नहीं होती है, जब भी आतंकी मरता है तो वहां के लोग उनकी तारीफ करते हैं और उनके हक में खड़े होते हैं। आर्मी चीफ ने कहा कि कश्मीर में हिंसा होती रहेगी, अगर आतंकी मरेंगे तो नए आतंकी आएंगे, कश्मीर में शांति के लिए इसे रोकना होगा।


आतंक और वार्ता एक साथ संभव नहीं
रावत ने तालिबान के साथ वार्ता पर कहा कि अफगानिस्तान में हमारे हित हैं, हम इससे अलग नहीं हो सकते। तालिबान मामले की तुलना जम्मू कश्मीर से नहीं की जा सकती। राज्य में हमारी शर्तों पर ही बातचीत होगी। उन्होंने कहा कि अगर कई देश तालिबान से बात कर रहे हैं और भारत की अफगानिस्तान में रुचि है, तो हमें भी इसमें शामिल होना चाहिए। सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को संदेश देते हुए कहा कि आतंक और वार्ता एक साथ संभव नहीं है। इसलिए बंदूके छोड़ो और हिंसा बंद करो। 

vasudha

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