भारतीय सेना ने LAC में उतारी टैंक रेजिमेंट, एक सेंकड में उड़ा सकती है दुश्मनों के परखचे
Sunday, Sep 27, 2020 - 01:48 PM (IST)
नेशनल डेस्क: पूर्वी लद्दाख में चीन से आर-पार की जंग के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार दिखाई दे रही है। चीन से तनातनी के हालातों के बीच भारतीय सेना ने टैंक रेजिमेंट (Tank Regiment) को मैदान में उतार दिया है। चुमार-डेमचोक क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास BMP-2 इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के साथ T-90 और T-72 टैंकों को भी तैनात कर दिया है, यह टैंक माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पर काम कर सकते हैं।
#WATCH Indian Army deploys T-90 & T-72 tanks along with BMP-2 Infantry Combat Vehicles that can operate at temperatures up to minus 40 degree Celsius, near Line of Actual Control in Chumar-Demchok area in Eastern Ladakh.
— ANI (@ANI) September 27, 2020
Note: All visuals cleared by competent authority on ground pic.twitter.com/RiRBv4sMud
दुनिया के सबसे अचूक टैंक माने जाने वाले टी-90 की तैनाती भारतीय सेना का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। सेना की इस तैनाती को लेकर 14 कोर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ के मेजर जनरल अरविंद कपूर ने कहा कि फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' सिर्फ भारतीय सेना का नहीं बल्कि दुनिया भर की आर्मी का अनोखा हिस्सा है। क्रू और इक्विपमेंट की तैयारी को सुनिश्चित करने के लिए आज हमारी सभी लॉजिस्टिक तैयारियां अपनी जगह पर हैं।
अरविंद कपूर ने कहा कि आने वाला मौसम कठिन और सख्त क्यों न हो हमारा हर एक जवान और इक्विपमेंट अच्छी तरह से तैयार हैं। बता दें कि इस रेजिमेंट में भीष्म, अर्जुन समेत कई आधुनिकतम टैंक हैं, जो कुछ ही क्षणों में दुश्मनों के परखचे उड़ा सकते हैं। इस तैनाती के साथ ही भारत ने चीन को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि युद्ध की स्थिति में वह उसके कब्जे वाले इलाके में घुसने से भी परहेज नहीं करेगी।
भारतीय सेना ने पहले ही कहा था कि सर्दी के मौसम में अगर जंग के हालात बन जाते हैं, तो चीन का सामना भारत की एक ऐसी सेना से होगा जो कि सक्षम और सशक्त रूप में उनके सामने खड़ी होगी। दरअसल लद्दाख रेंज के तमाम इलाके उच्चतम पर्वतीय क्षेत्रों में आते हैं। इस इलाके में नवंबर के महीने में भारी बर्फबारी होती है। इसके अलावा यहां न्यूनतम तापमान -30 से -40 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है।ठंड की इन स्थितियों में कई बार लद्दाख को जोड़ने वाले तमाम रास्ते भी बंद हो जाते हैं।