भारतीय एयरफोर्स की बढ़ेगी ताकत, 1.3 लाख करोड़ रु में 114 फाइटर जेट खरीदने की तैयारी में वायुसेना

Sunday, Jan 31, 2021 - 07:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना अपनी ताकत में लगातार इजाफा करने में लगी हुई है। हाल ही में मोदी कैबिनेट ने 83 तेजस विमान खरीदने को मंजूरी दी थी। अब वायुसेना 114 और लड़ाकू विमानों को खरीदने की योजना बना रहा है। यह डील करीब 1.3 लाख करोड़ रुपए की होगी। वायुसेना ने इसके संबंध में जानकारी के लिए रिक्वेस्ट फॉर इंफर्मेशन (RFI) जारी कर दिया है। 

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने 83 LCA तेजस मार्क 1A विमानों की डील को मंजूरी दी है। यह डील बेंगलुरु में आयोजित होने जा रहे एयरो इंडिया में साइन की जाएगी। करीब 50 हजार करोड़ रुपए की यह डील होने वाली है। वहीं सरकारी सूत्रों की मानें तो 83 LCA तेजस, MiG-21 लड़ाकू विमानों के 4 स्क्वाड्रन की जगह लेंगे। इन विमानों को भविष्य में हटाए जाने की तैयारी थी। अब एयरफोर्स का फोकस 114 विमान खरीदने पर है। रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन (RFI) का जवाब देते हुए अमेरिका, फ्रांस, रूस और स्वीडन के फाइटर जेट निर्माता कंपनियों ने भारत की मांग को पूरा करने में दिलचस्पी दिखाई है। 


RIF जारी करने के बाद भारतीय वायुसेना जल्द ही रक्षा मंत्रालय के सामने एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी यानि AoN पाने के लिए प्रस्ताव रखेगी। मंत्रालय की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद सेना बड़ी संख्या में 4.5 प्लस जनरेशन के लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण के लिए तैयार हो जाएगी। ये विमान राफेल का मुकाबला करेंगे। राफेल के सेना में शामिल होने की प्रक्रिया बीते साल से शुरू हो चुकी है। हाल में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने राफेल को 114 लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण वाले प्रोजेक्ट में सबसे मजबूत दावेदार बताया था।

भारत में ही बनेंगे 114 विमान
सूत्रों के मुताबिक प्रोजेक्ट में चयन के दौरान विमानों की क्षमता और कीमत पर विचार किया जाएगा। वहीं, 114 विमानों को भारत में बनाया जाएगा। भारतीय वायुसेना भी अपने मापदंड विकसित करने में लगी है, जिसके तहत लड़ाकू विमानों को चुना जाएगा। इनमें सिंगल और डबल इंजन दोनों प्रकार के विमान शामिल होंगे। जिस भी विमान चुना जाएगा वो वायुसेना में अगले करीब 4 दशक तक रहेगा। 

rajesh kumar

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