2035 तक सेवा में रहेगा इंडियन एयरफोर्स का सबसे सटीक स्ट्राइक जेट, एक साथ गिरा सकता है 6 स्मार्ट बम
punjabkesari.in Sunday, May 25, 2025 - 02:30 PM (IST)

नेशलन डेस्क: भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) के लिए एक बड़ी राहत और गर्व की खबर सामने आई है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने घोषणा की है कि वायुसेना के पुराने लेकिन दमदार फाइटर जेट जगुआर (Jaguar Fighter Jet) को अत्याधुनिक तकनीकों से अपग्रेड कर दिया गया है और यह साल 2035 तक सेवा में रहेगा। अब यह लड़ाकू विमान एक साथ 4-6 सेंसर फ्यूज्ड बम दागने में सक्षम हो गया है। जगुआर को भारतीय वायुसेना में 1970 के दशक में शामिल किया गया था। दशकों पुराना यह फाइटर जेट आज भी अपनी क्षमताओं के कारण भारतीय वायुशक्ति का अहम हिस्सा है। यह न केवल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है, बल्कि डीप स्ट्राइक मिशन में भी इसका कोई जवाब नहीं है।
DARIN-III प्रणाली से हुआ बेहद खतरनाक
जगुआर फाइटर जेट को HAL ने DARIN-III (नेविगेशन-अटैक सिस्टम) से लैस कर दिया है। इस नई प्रणाली की मदद से अब यह लड़ाकू विमान दुश्मन के सटीक ठिकानों पर हमला करने में पहले से ज्यादा प्रभावशाली हो गया है। इसका उपयोग आतंकवादी शिविरों, दुश्मन के एयरबेस और सैनिक अड्डों को पूरी तरह तबाह करने के लिए किया जा सकता है।
CBU-105 बमों से सजीव टारगेट तबाह
इस विमान की सबसे खतरनाक ताकत बन चुका है CBU-105 Sensor Fused Bomb, जिसे अमेरिका से खरीदा गया है।
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यह बम करीब 1,000 पाउंड (450 किलोग्राम) का होता है।
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एक बार विमान से छोड़ने के बाद, यह बम खुद-ब-खुद लक्ष्य को खोजता है और उसे तबाह करता है।
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GPS तकनीक की मदद से इसे दिन, रात और खराब मौसम में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस तरह के बम दागने की क्षमता किसी भी मिशन को मिनटों में अंजाम तक पहुंचा सकती है।
नई पीढ़ी के बमों से लैस
जगुआर अब नई जनरेशन लेजर गाइडेड बम (NGLGBs) से भी लैस हो गया है। यह बम आतंकियों के ठिकानों को खास निशाना बनाकर तबाह करते हैं। इनका लेथल प्रभाव इतना ज्यादा होता है कि किसी भी दुश्मन के क्षेत्र में खौफ पैदा कर सकते हैं।
नई इंजन से बढ़ेगी उड़ान और रफ्तार
जगुआर में अब F-125N इंजन लगाए जा रहे हैं जो इसे 43.8 किलोन्यूटन (kN) का थ्रस्ट देंगे। इसका सीधा असर विमान की
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स्पीड
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हाइट गेन करने की क्षमता
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और उड़ान की लंबाई पर पड़ेगा।
इस बदलाव के बाद यह विमान लंबी दूरी तक दुश्मन के इलाके में घुसकर टारगेट को खत्म करने में और सक्षम हो जाएगा।
इजराइली AESA रडार देगा तकनीकी बढ़त
अपग्रेडेड जगुआर में EL/M-2052 AESA रडार लगाया जाएगा जो इजराइल से लिया गया है। यह अत्याधुनिक रडार दुश्मन की गतिविधियों को कई किलोमीटर दूर से पहचान सकता है और फाइटर जेट को मल्टीटारगेट अटैक करने में सक्षम बनाता है। जगुआर की एक और बड़ी ताकत यह है कि यह परमाणु हथियारों को ढोने और दागने की भी पूरी क्षमता रखता है। इसलिए यह भारत के परमाणु त्रिकोण (Nuclear Triad) में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। वर्तमान में भारतीय वायुसेना में 6 जगुआर स्क्वाड्रन हैं। हर स्क्वाड्रन में करीब 20 फाइटर जेट होते हैं। इनकी तैनाती अंबाला, जामनगर और गोरखपुर एयरबेस पर की गई है। यहां से ये विमान जरूरत पड़ने पर किसी भी सीमा पर तुरंत पहुंच सकते हैं।
2035 तक रहेगा वायुसेना का भरोसेमंद योद्धा
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इसे 10 साल पहले अपग्रेड करना शुरू किया था और अब यह विमान अगले 10 साल यानी 2035 तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ बना रहेगा। समय के साथ इसमें और भी तकनीकी बदलाव किए जाएंगे ताकि यह समय की जरूरत के मुताबिक काम करता रहे।