कोरोना संकट में क्लिनिकल रिसर्च नेटवर्क बनाएगा भारत, ये रहेगी प्रक्रिया

Tuesday, Apr 07, 2020 - 04:22 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत में तेजी से फैलते कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की कोशिशे भी तेज़ कर दी है खबर है कि सरकार कोरोना से लड़ने के लिए कोविड-19 क्लिनिकल रिसर्च नेटवर्क बनाएगा, ताकि इस महामारी के प्रति समझ को बढ़ाया जा सके। भारत के इस फैसले को कोरोना महामारी को रोकने के लिए दवाएं विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के संबंध में किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करने वाले नेशनल टास्क फोर्स के टेक्निकल एक्सपर्ट ने इसकी सिफारिश की है रिचर्स कोलेबोरेटिव नेटवर्क भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से काम करेगी। 

डाटाबेस किया जायेगा तैयार 
ICMR ने एक बयान में कहा, 'इस नेटवर्क को बनाने का उद्देश्य स्पेसिफिक क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल को विकसित करना है। इसके लिए एक केंद्रीयकृत डेटाबेस तैयार करना होगा, जो क्लिनिकल और लैबोरेटरी पैरामीटर्स पर होगी। अभी जो अस्पताल कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उन्हें इस नेटवर्क का पार्टनर बनने के लिए कहा गया है।  मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि कोरोना के 80 फीसदी पॉजिटिव केस में लक्षण माइल्ड यानी बहुत साधारण थे। वहीं, 15 फीसदी गंभीर लक्षण वाले मरीजों में सांस की दिक्कतें थी, जबकि 5 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजीन या वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी बाकि अभी इस पर कुछ भी कहा जल्दबाज़ी होगी इसे सबसे पहले समझना जरूरी है ताकि इलाज़ ढूंढा जा सके। 

Riya bawa

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