S-400 के बाद अब रूस से ये घातक हेलिकॉप्टर चाहता है भारत

Monday, Oct 08, 2018 - 02:18 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत के लंबे इंतजार के बाद आखिर रूस के साथ पिछलों दिनों एस-400 डील पक्की हो गई। वहीं भारत अब एस-400 मिसाइल के बाद रूस से कामोव हेलीकॉप्टर तथा अन्य हथियार प्रणाली लेने की इच्छा रखता है। एस-400 डील को लेकर अमेरिकी पाबंदी के डर के बीच भारत-रूस ने अपना करार कायम रखा, इस पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत स्वतंत्र नीति पर चलता है। वहीं उन्होंने कहा कि हम रूस से और भी हथियार चाहते हैं। बीते शुक्रवार को भारत ने एस- 400 ट्राइम्फ हवाई रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए रूस के साथ अरबों डॉलर का सौदा किया था। इसके चलते अमेरिका के ‘काउंटरिंग अमेरिका एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के तहत प्रतिबंध लगने का डर है। इस कानून का लक्ष्य रूस, ईरान और उत्तर कोरिया का मुकाबला करना है।

अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि जो देश रूस के साथ ‘अहम’ व्यापारिक सौदा करेगा, उस पर पाबंदी लगा दी जाएगी। वहीं सेना प्रमुख रावत ने कहा कि रूसी भारतीय सेना और सशस्त्र बलों के साथ हाथ मिलाकर आगे बढऩे के लिए अत्यंत इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि वे समझते हैं कि हम मजबूत सेना हैं तथा हमारी रणनीतिक चिंतन प्रक्रिया के आधार पर जो हमारे लिए सही है, उसके पक्ष में हम खड़े रहने में समर्थ हैं।’’

सेना प्रमुख ने बताया कि उनकी रूस यात्रा के दौरान उनसे एक रूसी नौसैन्य अधिकारी ने पूछा था कि भारत का झुकाव अमेरिका की ओर है जिसने रूस पर पाबंदियां लगाई हैं। अमेरिका ने भी भारत को रूस से डील करने पर पाबंदियां लगाने की धमकी दी थी, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे। रावत ने कहा कि उन्होंने जवाब दिया कि हां, हमें अहसास है कि हम पर पाबंदियां लगाई जा सकती हैं लेकिन हम स्वतंत्र नीति पर चलते हैं।

कामोव की खासियत

  • यह एक लाइट वेट मल्टीपरपज हेलीकॉप्टर है, इसे आसानी से छोटे हवाई अड्डों पर भी लैंड या टेक ऑफ किया जा सकता है।
  • इसमें रीप्लेनकेबल ट्रांसपोर्ट मॉड्यूल लगा हुआ है, जिससे कम समय में यह अपनी कार्यक्षमता बदलने में सक्षम है।
  • यह नवीनतम आधुनिक पर्यावरण आवश्यकताओं को पूरा करता है।
  • यह आधुनिक नेविगेशन उपकरणों से लैस है।
  • इसका इस्तेमाल शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आसानी से किया जा सकता है।

Seema Sharma

Advertising