2017 में मजबूत हुआ भारत-अमरीका का रिश्ता

Wednesday, Dec 27, 2017 - 06:06 PM (IST)

वॉशिंगटन: साल 2017 राजनीतिक और कूटनीतिक मामलों में भारत के लिए स्पैशल रहा। इस साल में भारत अमरीका संबंधों ने नई ऊंचाइयों को छुआ। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के भीतर ‘‘भारत का सबसे अच्छा दोस्त’’ होने का चुनावी वादा पूरा किया और इसके साथ ही वर्ष 2017 में भारत-अमरीका संबंध और मजबूत हो गया।

 भारत इकलौता ऐसा देश है जिसके लिए ट्रंप प्रशासन 100 वर्षीय योजना लेकर आया, यह सम्मान अमरीका के शीर्ष सहयोगियों को भी प्राप्त नहीं है। ट्रंप प्रशासन ने एशिया प्रशांत क्षेत्र को हिंद-प्रशांत क्षेत्र नाम दिया  बल्कि चीन की बेचैनी को बढ़ाते हुए पूरे क्षेत्र में नई दिल्ली को और बड़ी भूमिका और स्थान भी दिया। इसके साथ ही अमरीका ने पहली बार स्पष्ट शब्दों में कहा कि अफगानिस्तान में भारत एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है।

ट्रंप ने अपनी दक्षिण एशिया नीति में युद्धग्रस्त राष्ट्र में शांति बहाल करने में भारत की भूमिका को अहम बताया। यह भी पहली बार हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने नई दिल्ली के रुख से सहमति जताई कि आतंकवाद पाकिस्तान से पैदा होता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल में अपनी पहली राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी की है जिसमें भारत को ‘‘अग्रणी वैश्विक ताकत’’ बताया है।

दक्षिण एवं मध्य एशिया के ब्यूरो के प्रभारी अमरीकी विदेश उपमंत्री टॉम वाजदा ने  कहा कि‘वर्ष 2017 में हमारे द्विपक्षीय संबंध हमारे साझा हितों और लक्ष्यों के साथ इस बात पर केंद्रित हैं कि दुनियाभर में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हम मिलकर क्या कर सकते हैं । खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में, आतंकी खतरों से मुकाबले में, अपनी प्रतिरक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने, मुक्त और परस्पर व्यापार को बढ़ावा देने और ऊर्जा संपर्कों को बढ़ाने के लिए।  

चीन की वन बेल्ट, वन रोड परियोजना पर भी अमरीका ने पहली बार भारत के रुख का समर्थन किया है।इसके अलावा रक्षा मंत्री जिम मैटिस के नेतृत्व में पूरे प्रशासन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर संप्रभुता का मुद्दा भी उठाया। द्विपक्षीय संबंधों के लिए जमीन वर्ष के पहले 6 महीने में दोनों पक्षों के अधिकारियों ने तैयार की खासकर विदेश सचिव एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने।

उन्होंने अमरीका के कई दौरे किए या व्हाइट हाउस के कई वरिष्ठ अधिकारियों की अगवानी की।  लेकिन इस वर्ष द्विपक्षीय संबंधों में नया और ऐतिहासिक मोड़ 26 जून को आया जब प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की। मोदी और ट्रंप इस वर्ष दो बार मुलाकात कर चुके हैं जबकि फोन पर कई बार बात कर चुके हैं। 
भारत में अमरीका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने का कहना है कि इस वर्ष साबित हो गया कि अमरीका\भारत साझेदारी दोनों पक्षों के लिए प्राथमिकता है।

Advertising