भारत, अमरीका की वायु सेनाएं हिंद - प्रशांत में सहयोग मजबूत करेंगी : अमरीका वायुसेना प्रमुख

Sunday, Feb 04, 2018 - 11:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमरीकी वायुसेना के प्रमुख जनरल डेविड एल गोल्डफिन ने कहा है कि भारत और अमरीका की वायु सेनाएं हिंद- प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के रणनीतिक हितों को पूरा करने के लिए संचालनात्मक सहयोग बढ़ाएंगी। दरअसल, इस क्षेत्र में चीन अपना सैन्य प्रभाव बढ़ा रहा है।

क्षेत्र के साझा हितों को आगे बढ़ाने में भारत को अमरीका का ‘मुख्य रणनीतिक साझेदार’ बताते हुए जनरल गोल्डफिन ने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी वायु सेनाएं संयुक्त रूप से हिंद - प्रशांत क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित करने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अहम समुद्री मार्गों में नियम आधारित व्यवस्था अवश्य बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे साझा हितों में आगे बढऩे में भारत बेशक एक मुख्य रणनीतिक साझेदार है और इसे भविष्य में हम कहां ले जाएं, यह उनकी यात्रा का उद्देश्य है।

गोल्डफिन ने भारत की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान एयर चीफ मार्शल बी एस धनोवा और रक्षा बलों के शीर्ष अधिकारियों से विस्तृत बातचीत की। उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि अमरीका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच ‘चतुष्पक्षीय’ गठबंधन से भारत और अमरीका की वायुसेनाओं के बीच सहयोग और मजबूत होगा।  यह पूछे जाने पर कि क्या हिंद- प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को रोकने के लक्ष्य को लेकर दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच सहयोग मजबूत होगा, इस पर उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है और यह मेरी यात्रा तथा यहां मेरी बातचीत का अहम हिस्सा है।’ उन्होंने कहा, ‘नियम आधारित व्यवस्था बनाए रखने में हमारा साझा हित है।

‘चतुष्पक्षीय गठबंधन’ का हवाला देते हुए अमरीका वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चारों देशों के बीच कई ऐसी स्वाभाविक समानताएं हैं कि वे नियम पर आधारित व्यवस्था की रक्षा करने के लिए साथ मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि भारत और अमरीका की वायुसेनाओं के बीच कई स्तरों पर सहयोग बढ़ेगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या अमरीका दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाएगा, इस पर गोल्डफिन ने प्रत्यक्ष तौर पर कोई जवाब नहीं दिया। भारत, अमरीका और कई अन्य देश विवादित दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता पर जोर देते रहे हैं। अमरीका नौवहन की स्वतंत्रता पर जोर देते हुए अपने जहाजों और विमानों को वहां भेजता रहा है।

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