तालिबान को भारत का सख्त संदेश- किसी देश को धमकाने के लिए ना हो अफगान का इस्तेमाल

Friday, Sep 10, 2021 - 08:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से अफगानिस्तान के माैजूदा हालात पर चिंता जताई। भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि तालिबान ने जो वादे किए, उनका सम्मान किया जाए। इसके साथ ही भारत ने साफ किया कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने में नहीं किया जाना चाहिए। 


फगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर हम चिंतित: भारत
टीएस तिरुमूर्ति ने दो टूक कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए। वह आतंकवाद के लिए अफगान भूमि के उपयोग की अनुमति नहीं देगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकियों को ट्रेनिंग देने और आतंकवादी मंसूबों को कामयाब करने की योजना बनाने और उसकी फंडिंग के लिए भी इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक पड़ोसी होने और उस देश के लोगों का दोस्त होने के नाते अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति से हम चिंता में है। 


आतंकवाद अफगानिस्तान के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है: भारत
तिरुमूर्ति ने कहा कि आतंकवाद अफगानिस्तान के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि इस संबंध में ली गई प्रतिबद्धताओं का सम्मान किया जाए और उनका पालन किया जाए।  पिछले महीने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हुआ, जो दिखाता है कि आतंकवाद अफगानिस्तान के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है. इसलिए ये जरूरी है कि आतंक के खिलाफ जोजो कमिटमेंट किए गए हैं, उसका सम्मान किया जाए । 


ब्रिक्स ने अफगानिस्तान  के हालात पर किया  विचार-विमर्श 
बता दें कि पांच देशों के प्रभावशाली समूह ब्रिक्स ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वर्चुअल शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श किया। शिखर सम्मेलन के अंत में जारी एक बयान में समूह ने हिंसा से दूर रहने और अफगानिस्तान में स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया। ब्रिक्स ने कहा कि हम हिंसा से बचने और शांतिपूर्ण तरीकों से स्थिति के समाधान का आह्वान करते हैं। हम देश में स्थिरता, नागरिक शांति, कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता को बढ़ावा देने में योगदान देने की आवश्यकता पर बल देते हैं।"

vasudha

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