समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करेगा भारत, परमाणु पनडुब्बी बनाने का काम शुरू

Monday, Jun 24, 2019 - 06:11 PM (IST)

नेशनल डेस्कः चीन और पाकिस्तान की ओर से हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय नौसेना ने अपनी रक्षा तैयारियों को तेज कर दिया है। नौसेना की ताकत में इजाफा करने के लिए छह परमाणु पनडुब्बियों को बनाने का काम शुरू हो गया है। इस परियोजना की लागत लगभग एक लाख करोड़ रुपए है।

अगली पीढ़ी के परमाण ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का निर्माण करने के लिए मिश्र धातु निगम एक विशेष प्रकार के धातु के परीक्षण की भी योजना बना रहा है। इससे इन पनडुब्बियों का मजबूती मिलेगी। साथ ही भारतीय नौसेना के पानी के नीचे रहने की ताकत में भारी इजाफा होगा। सरकार ने इसके पहले चरम के लिए 100 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर दी है।

साल 2015 में मोदी सरकार ने भारतीय नौसेना के लिए लंबित परियोजना को आगे बढ़ाते हुए छह परमाणु शक्ति चलित अटैक पनडुब्बियों (एसएसएन) के निर्माण को मंजूरी दी थी। इन पनडुब्बियों को नौसेना के डिजाइन निदेशालय में डिजाइन किया जाएगा और विशाखापत्तनम में शिप बिल्डिंग सेंटर में बनाया जाएगा।

भारतीय नौसेना इस समय कुल 15 पनडुब्बियों का संचालन कर रही है जिसमें आईएनएस अरिहंत और आईएनएस चक्र परमाणु शक्ति संचालित हैं। आईएनएस चक्र को रूस से 10 साल की लीज पर लिया गया है जबकि अरिहंत का निर्माण भारत में ही किया गया है। ये दोनों पनडुब्बियां परमाणु मिसाइल हमले को अंजाम दे सकती हैं।

भारतीय नौसेना को मजबूती देने के लिए गुरुवार (20 जून) को रक्षा मंत्रालय ने प्रोजेक्ट-75 के तहत 6 अत्याधुनिक पनडुब्बियों को बनाने के लिए भारतीय रणनीतिक साझेदारों को प्रस्ताव के लिए आग्रह (एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट) जारी किया था। ये पनडुब्बियां रडार की पकड़ में नहीं आने वाली प्रौद्योगिकी से लैस होंगी। मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत जारी इस कांट्रैक्ट की लागत लगभग 45 हजार करोड़ रुपये है। जिसमें छह पनडुब्बियों का निर्माण भारत में ही टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर के तहत किया जाएगा।

 

Yaspal

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