दुश्मनों को धूल चटाने के लिए जल्द तैयार होगा ‘सुपर सुखोई’ विमान

Monday, Jul 11, 2016 - 08:37 PM (IST)

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के बेड़े में अब जल्द ही ‘सुपर सुखोई’ शामिल होने वाला है, जो दुश्मनों को धूल चटाने के लिए काफी अहम साबित होगा। भारत रूस के साथ इस रुके हुए प्रोजेक्ट पर बातचीत आगे बढ़ाने की तैयारी में है। इसके तहत भारत 5वीं जनरेशन के लिए लड़ाकू विमानों और सुखोई जेट (30MKI) को सुपर सुखोई में बदलने के लिए रूस से समझौता करेगा।

दूसरी तरफ भारत और फ्रांस के बीच अब जल्द ही गोलीबारी करने वाले 36 जेट के लिए करीब 7.8 बिलियन यूरो की डील करने जा रहा है, लेकिन रक्षा मंत्रालय का मानना है कि देश की अभेद सुरक्षा के लिए 36 लड़ाकू विमान काफी नहीं हैं। भारतीय वायुसेना के पास अभी 33 लड़ाकू विमान हैं, जबकि इनमें से 11 बहुत पुराने हो चुके हैं। वहीं, मिग-21 और मिग-27 भी अब दस्ते से रिटायर होने के कगार पर हैं।

मेड इन इंडिया टैग के साथ लॉन्च होंगे विमान
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, ऐसे में हमें चीन और पाकिस्तान का माकूल जवाब देने के लिए कम से कम 42 लड़ाकू विमानों की जरूरत है। हिंदुस्तान आसमान में अपनी क्षमता बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहा है। तेजस के बाद अब देश में दूसरे लड़ाकू विमानों को भी लॉन्च करने की तैयारी है। इसमें अमेरिकन एफ ए-18 और एफ-16 के साथ ही स्वीडिश ग्रिपन ई को भारत में बनाने की तैयारी है। यानी अब इन्हें मेड इन इंडिया टैग के साथ लॉन्च किया जाएगा।

भारत-रूस मिलकर करेंगे काम
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया कि देश के लिए सुखोई की उपयोगिता 60 फीसदी तक बढ़ गई है, जबकि यह पहले 46 फीसदी ही थी। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य इसकी उपयोगिता को 75 फीसदी तक करना है। सुखोई को बेहतर बनाने के लिए रूस, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स और भारतीय वायुसेना मिलकर काम करेंगे। सभी मिलकर सुपर सुखोई बनाएंगे। सुखोई के लिए तकनीकी जरूरतों को इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

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