कोरोना संकट: भारत ने भेजी 23 टन दवाई तो नेपाल ने कहा- थैंक्यू PM मोदी
Friday, Apr 24, 2020 - 01:19 AM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया के 200 से ज्यादा देश आज कोरोना वायरस महामारी की चपेट में हैं। भारत में भी हाल के दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी आई है। इसके बावजूद भारत पड़ोसी देशों की मदद कर रहा है। भारत ने हाल में नेपाल को लगभग 23 टन जरूरी दवाई और अन्य सामान भेजे हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद करते हुए एक ट्वीट किया है।
नेपाल के पीएम केपी ओली ने लिखा है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हुं कि उन्होंने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए नेपाल को 23 टन जरूरी दवाई दी है। आज भारतीय राजदूत द्वारा हमारे स्वास्थ्य मंत्री को दवाइयां सौंपी गईं।
India-Nepal relationship is special. Our bonds are not only strong but also deep-rooted.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2020
India stands in solidarity with people and the Government of Nepal to fight COVID-19 pandemic.@kpsharmaoli https://t.co/jQ6hYgkKfY
इसके जवाब में पीएम मोदी ने भी एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'भारत और नेपाल के बीच का संबंध बेहद खास है। यह संबंध ना केवल मजबूत हैं बल्कि इसकी जड़ें काफी गहरी हैं। भारत इस आपदा की घड़ी में नेपाल के साथ खड़ा है।
इससे पहले भारत ने अमेरिका को भी हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा की निर्यात को मंजूरी दी थी। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने थैंक्यू इंडिया कहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, 'मुश्किल हालात में दोस्तों के बीच और सहयोग की जरूरत पड़ती है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर फैसला लेने के लिए भारत और उसके लोगों को धन्यवाद। इसे हम कभी नहीं भुला सकते। इस सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी को शुक्रिया।'
ब्राजील ने भी भारत को मदद के लिए शुक्रिया कहा था। ब्राजीली राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो ने सात अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना वायरस के मसले पर चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने मदद की तुलना हनुमान द्वारा लाई गई संजीवनी से की थी। ब्राजीली राष्ट्रपति ने कहा कि संकट के इस समय में जिस तरह भारत ने ब्राजील की मदद की है, वह बिल्कुल वैसा ही है जैसा रामायण में हनुमान जी ने राम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए संजीवनी लाकर किया था।