भारत ने  5 लाख रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए भेजी राहत सामग्री

Sunday, Oct 01, 2017 - 03:34 PM (IST)

नई दिल्लीः पूरी दुनिया में इस समय रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा चर्चा का विषय हुआ है। लेकिन  भारत में केंद्र सरकार के सुप्रीम कोर्ट में म्यांमार के रखाइन प्रांत से आए रिफ्यूजियों को  वापस भेजने  के हलफ़नामे को लेकर विरोधाभास नजर आ रहा है। एक तरफ सरकार इन रिफ्यूजियों  को  वापस भेजने की बात कर रही है और दूसरी ओर केंद्र सरकार ही रोहिंग्या लोगों के लिए मदद भी भेज रही है।

INS घरियाल के ज़रिए भारत सरकार ने रोहिंग्या लोगों की मदद के लिए 62000 पैकेट्स भेजे हैं।इन पैकेट्स में राहत सामग्री है जो भारत सरकार ने बांग्लादेश में रिफ्यूजी की तरह रह रहे 5 लाख से ऊपर रोहिंग्ये लोगों के लिए भेजी है। भारत सरकार हालाँकि बांग्लादेश में मदद भेज रही है लेकिन रोहिंग्या लोगों को यहाँ नहीं रखना चाहती। रोहिंग्या मुद्दे पर सत्ताधारी NDA के ही कुछ नेता सरकार के रोहिंग्या लोगों को भारत से वापस म्यांमार भेजे जाने के पक्ष में नहीं हैं।इसमें सबसे बड़ा नाम वरुण गाँधी का है।वरुण गाँधी ने एक लेख लिख कर रोहिंग्या लोगों के ऊपर रहम दिली दिखाने की अपील भारत सरकार से की थी।

रोहिंग्या रिफ्यूजी को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने नए आंकड़े जारी किए हैं।नए आंकड़ों के मुताबिक़ 5 लाख से अधिक रोहिंग्या रिफ्यूजी बांग्लादेश में शरण लेने आए हैं। म्यांमार के रखाइन राज्य से रोहिंग्या रिफ्यूजी जान बचा कर भाग रहे हैं। इनमें अधिकतर मुसलमान हैं जबकि कुछ हिन्दू भी हैं। इस मामले में कई देशों ने म्यांमार के रवैये की आलोचना की है। फ़्रांस, संयुक्त राज्य अमरीका, तुर्की जैसे देशों ने म्यांमार सरकार की निंदा की है और रोहिंग्या लोगों के साथ हो रहे ज़ुल्म को क़त्ल-ए-आम का नाम दिया है। वहीँ बांग्लादेश ने रोहिंग्या लोगों के लिए बड़ी व्यवस्था की है। बंगलादेशी प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने साफ़ कहा कि अगर उनका देश 16 करोड़ लोगों को खिला सकता है तो 7-8 लाख रोहिंग्या को भी। 
 

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