ब्लिंकन ने माना- भारत -रूस सबंध गहरे और दशकों पुराने, तब अमेरिका साझेदार बनने में नहीं था सक्षम

Tuesday, Apr 12, 2022 - 06:13 PM (IST)

 वाशिंगटनः अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत के रूस के साथ संबंध दशकों पुराने हैं और ये ऐसे वक्त में विकसित हुए जब अमेरिका, भारत का साझेदार बनने में सक्षम नहीं था। ब्लिंकन ने यह बात राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के, यूक्रेन पर रूस के हमले की घटना पर भारत के रुख को समझने के संकेतों के बीच कही। दरअसल यूक्रेन संकट को लेकर भारत के रुख पर तथा रूस से रियायती दरों पर तेल खरीदने को लेकर अमेरिका में असंतोष है।

अमेरिका के विदेश मंत्री ने यह बयान रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन तथा भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सोमवार को टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दिया। उन्होंने कहा ,‘‘ भारत के रूस के साथ संबंध दशकों पुराने हैं और ऐसे वक्त से हैं जब अमेरिका, भारत का साझेदार बनने की स्थिति में नहीं था। वक्त बदल चुका है।'' उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा,‘‘आज हम भारत के साथ वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी के लिए सक्षम और इच्छुक हैं। आज हमारे बीच इसी को लेकर बातचीत हुई है। जब बात तेल खरीद, प्रतिबंध आदि की आती है तो मैं बस यही कहूंगा कि तेल खरीद के लिए यह जटिल प्रक्रिया है ।''

शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने हालांकि सहयोगियों और साझेदारों को रूस से तेल आदि की खरीद को बढ़ाने के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा,‘‘ यकीनन हम देशों को इस बात के लिए प्रेरित कर रहे हैं कि वे रूस से अतिरिक्त ईंधन नहीं खरीदें। प्रत्येक देश की स्थिति अलग है, उनकी जरूरतें अलग हैं, लेकिन हम सहयोगियों और साझेदारों से उम्मीद करते हैं कि वे रूस से ईंधन खरीद को न बढ़ाएं।'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडैन के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने वैश्विक खाद्य आपूर्ति और कीमतों, बाजारों पर पड़ने वाले गहरे प्रभाव को कम करने और इसे हासिल करने के लिए मिलकर काम करने के तरीकों के बारे में बात की। 

Tanuja

Advertising