देश की Digital अर्थव्यवस्था 2030 तक राष्ट्रीय आय में लगभग 5वें हिस्से के बराबर देगी योगदान

punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2025 - 12:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क। भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और 2029-30 तक यह देश की कुल राष्ट्रीय आय में लगभग पांचवे हिस्से का योगदान देने का अनुमान है। इसका मतलब है कि आने वाले कुछ सालों में डिजिटल क्षेत्र का योगदान कृषि और विनिर्माण जैसे पारंपरिक क्षेत्रों से भी ज्यादा हो जाएगा। 2022-23 में डिजिटल अर्थव्यवस्था ने भारत की जीडीपी में 11.74% हिस्सा दिया था और यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा डिजिटल देश बन चुका है। देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था ने 14.67 मिलियन लोगों को रोजगार दिया है जो कार्यबल का 2.55% है। इसके अलावा डिजिटल प्लेटफार्मों और इंटरमीडियरीज का जीवीए (सकल मूल्य वर्धित) में योगदान 2% था जबकि आईसीटी सेवाओं और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का योगदान 7.83% था।

 

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भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में मुख्य बदलाव डिजिटल इंटरमीडियरीज और प्लेटफार्मों के बढ़ने के कारण हो रहे हैं। इसके अलावा पारंपरिक क्षेत्रों जैसे बैंकिंग, खुदरा और शिक्षा में डिजिटलीकरण ने भी अहम योगदान दिया है। बीएफएसआई क्षेत्र में अधिकांश लेन-देन डिजिटल हो गए हैं जबकि खुदरा क्षेत्र में ओमनी-चैनल मॉडल का विकास हो रहा है।

 

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भारत में डिजिटलीकरण के इस विकास के प्रमुख कारण एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), क्लाउड सेवाओं का तेजी से विस्तार और वैश्विक क्षमता केंद्रों का निर्माण हैं। 2030 तक यह डिजिटल क्षेत्र जीवीए के 20% तक बढ़ने का अनुमान है जो कृषि और विनिर्माण से आगे निकल जाएगा।

भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था पिछले एक दशक में औसतन 17.3% की दर से बढ़ी है जो पूरी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 11.8% से कहीं अधिक है। इस वृद्धि के साथ भारत के डिजिटल क्षेत्र का योगदान आने वाले वर्षों में और महत्वपूर्ण हो जाएगा।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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